लखनऊ (ब्यूरो)। निजी बस मालिकों ने परिवहन निगम से दूरी बना ली है जिससे यात्रियों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। निगम प्रबंधन ने निजी बस मालिकों को करीब डेढ माह का समय अनुबंध के लिए दिया था, लेकिन एक भी बस मालिक अभी अनुबंध के लिए नहीं आया है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने यात्रियों की समस्याओं को देखते हुए परिवहन निगम के अधिकारियों को अनुबंधित बसों का बेड़ा बढ़ाने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी निजी बस संचालक रोडवेज से दूरी बनाए हुए हैं। उनका कहना है कि निगम ने अनुबंध के लिए जो योजना तैयार की है, उससे हमारा नुकसान होगा। जिस रूट पर यात्री अधिक हैं, उस पर निगम अपनी बसें संचालित कर रहा है। वहीं जहां यात्री कम हैं, वहां अनुबंधित बसें चलाई जा रही हैं। ऐसे में हम खुद परमिट लेकर बसों का संचालन कर लेंगे।

बसों के अनुबंध के लिए दी गई समय सीमा खत्म हो गई है। निजी बस मालिकों के साथ बैठक कर नियम और शर्तों में बदलाव किया जाएगा।

-पल्लव बोस, क्षेत्रीय प्रबंधक, लखनऊ, परिवहन निगम

ये समस्याएं आ रही हैं सामने

- डग्गामार बसों के पकड़े जाने से रोडवेज बसों में बढ़ी भीड़

- लखनऊ से कई रूटों के लिए बसें उपलब्ध नहीं हैं

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जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएं, पांच हजार रुपये भी पाएं

परिवहन विभाग दुर्घटनाओं में घायलों की जान बचाने वालों को सम्मानित करने के साथ ही उन्हें पांच हजार रुपए की धनराशि प्रदान करेगा। इसके साथ ही सभी विभागों में इस योजना के प्रचार-प्रसार के लिए बोर्ड लगाए जायेंगे। परिवहन विभाग ने सभी सरकारी विभागों को इस योजना के लिए पत्र भेज दिया है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, दुर्घटना के बाद घायलों को समय पर मदद मिल जाये, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। लोग मदद करने में खुद को असहज न महसूस करें, इसके लिए उन्हें इस योजना की विशेष जानकारी दी जायेगी।

पहले दिये जाते थे दो हजार रुपये

विभागों में लगने वाले बोर्ड पर गुड सेमेरिटन योजना को प्रोत्साहित करने वाले नियम लिखे होंगे। इसमें नकद धनराशि दिए जाने के साथ ही यह बताना होगा कि ऐसे व्यक्ति को पुलिस पूछताछ के लिए परेशान नहीं करेगी। किसी भी मामले में साक्ष्य बनने पर मजबूर नहीं करेगी। जरूरत पडऩे पर पुलिस सिर्फ एक ही बार ऐसे व्यक्ति को बुला सकेगी। ऐसे व्यक्ति का नाम और पता लेने के लिए उसे बाध्य नहीं किया जायेगा। साथ ही, किसी भी सरकारी हॉस्पिटल में गुड सेमेरिटन द्वारा लाये गए घायल व्यक्ति का इलाज करना अनिवार्य होगा। सड़क सुरक्षा सेल के इंचार्ज पुष्प सेन सत्यार्थी ने बताया कि इस योजना के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए हैं। दुर्घटना में घायलों को बचाने के लिए इस योजना के प्रति सभी को जागरूक किया जा रहा है। दुर्घटना में घायलों की मदद करने वालों को अब पांच हजार रुपए की धनराशि दी जायेगी। पहले यह धनराशि मात्र दो हजार रुपये ही थी।