लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी की प्रमुख सड़कों पर लगने वाले जाम का एक बड़ा कारण ई-रिक्शा हैं। ई-रिक्शा चालकों की मनमानी का आलम यह है कि ये कोई नियम-कानून नहीं मानते है। एक ओर जहां वे प्रतिबंधित क्षेत्र में बेधड़क अपने वाहन दौड़ा रहे हैं, तो दूसरी ओर तय नियम के विपरीत सवारी और अवैध तरीके से चार्जिंग कर रहे हैं, जो दुर्घटना का सबब बन रहा है। ट्रैफिक विभाग भी आरटीओ को कई बार नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने को लिख चुका है। पर इसके बावजूद ई-रिक्शा पर कोई रोक नहीं लग पा रही है, जिसका खामियाजा सवारियों को भुगतना पड़ रहा है।

नहीं लग पा रही रोक

आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक, राजधानी में करीब 40 हजार ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं और लगातार नए रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं। वहीं, शासन की ईवी नीतियों के चलते अधिकारी भी इनके रजिस्ट्रेशन को बंद करने को लेकर हाथ खड़े कर देते हैं। ऐसे में राजधानी में लगातार इनकी बढ़ती संख्या जाम की समस्या का प्रमुख कारण बन चुकी है। आलम यह है कि पुराने चौक, चारबाग, कैसरबाग आदि जगहों पर ज्यादातर ई-रिक्शा के चलते अराजकता फैली रहती है। इनपर रोक लगाने को लेकर जिम्मेदार विभाग मूक बने हुए हैं।

अवैध तरीके से हो रही चार्जिंग

ई-रिक्शा की चार्जिंग को लेकर भी आये दिन कोई न कोई हादसा सामने आता रहता है। अवैध तरीके से राजधानी में कई जगहों पर चार्जिंग प्वाइंट बना दिए गये हैं। जहां कभी आग लगने या ब्लास्ट होने की घटना सामने आती रहती है। जिसमें कई बार लोग घायल हुए हैं तो कईयों की मौत तक हो चुकी है। पर इसके बावजूद विभागों की मिलीभगत के चलते राजधानी में कई जगहों पर अवैध तरीके से चार्जिंग प्वाइंट धड़ल्ले से चल रहे हैं। जहां चंद पैसों के लिए लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। जिम्मेदार विभाग कोई कड़ी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।

नाबालिग भी दौड़ा रहे ई-रिक्शा

राजधानी में ई-रिक्शा चालक बेतरतीब तरीके से चलाते हैं। आलम यह है कि कई जगहों पर नाबालिग भी ई-रिक्शा चला रहे हैं। खासतौर पर चौक एरिया में इनकी संख्या ज्यादा है, जिसकी वजह से दुर्घटनाएं भी ज्यादा होती है। नाबालिगों के पास एक तो ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होता, दूसरा ई-रिक्शा चलाने का कोई अनुभव भी नहीं होता। जिसकी वजह से वे गाड़ियों से भिड़ जाते हैं, जिसमें अकसर सवारियां घायल हो जाती हैं।

क्षमता से अधिक भर रहे सवारी

नियमों के तहत ई-रिक्शा में महज 4 सवारी ही ले जा सकते हैं। पर ई-रिक्शा चालक 10-10 रुपये के लालच में 8-10 सवारियां तक बैठा लेते हैं। जिसमें अधिकतर बच्चे भी होते है। वहीं, चालक अचानक मोड़ने, तेज रफ्तार से दौड़ाने और रेस लगाने के चलते भी मुसीबत खड़ी करते हैं। चूंकि ई-रिक्शा वजन में बेहद हल्के होते हैं, ऐसे में जरा सा संतुलन बिगड़ने पर ये पलट जाते हैं। राजधानी में ई-रिक्शा पलटने की घटनाएं आये दिन सामने आती रहती हैं। ट्रैफिक और आरटीओ विभाग महज खानापूर्ति कर अपने काम की इतिश्री कर लेता है, जिसके चलते ई-रिक्शा चालक बिना डर के मनमर्जी से वाहन दौड़ा रहे है।

राजधानी में ई-रिक्शा के चलते बहुत जाम लगता है, जिसकी वजह से आम पब्लिक को काफी दिक्कत होती है। इनपर कार्रवाई होनी चाहिए।

-राकेश पांडेय

ई-रिक्शा वाले बहुत गलत अंदाज में गाड़ी दौड़ाते हैं। इसपर बैठने में बेहद डर लगता है। टोकने के बावजूद भी वे नहीं सुनते। इसपर रोक लगनी चाहिए।

-सुनीता सिंह

ई-रिक्शा की वजह से आये दिन हादसे हो रहे हैं। कई बार गाड़ी लड़ने से बची है। ट्रैफिक और आरटीओ विभाग को इनपर लगाम लगानी चाहिए।

-मुरली प्रसाद वर्मा