- पत्‍‌नी के कोरोना पीडि़त होने के बाद पति संभाल रहे घर और नौकरी

- रोजाना चुनौतियां आ रही सामने, फिर भी हंसकर निभा रहे जिम्मेदारी

LUCKNOW: इंदिरानगर के अशोक की दिनचर्या अब खासी बदल गई है। पहले जहां सुबह नौ बजे सोकर उठने के बाद उनके हाथ में गर्मा गर्म काफी का कप आ जाता था और वह बालकनी में लगे झूले में बैठकर पेपर पढ़ते हुए देश दुनिया की जानकारी हासिल करते थे वहीं अब वाइफ के कोरोना पीडि़त होने के बाद उनकी जिंदगी खासी बदल गई है। अब वह सुबह छह बजे उठ जाते हैं और कॉफी के स्थान पर उनके हाथ में झाड़ू नजर आती है। पहले वह घर की सफाई करते हैं। साथ ही कोरोना पीडि़त वाइफ के लिए नाश्ता इत्यादि बनाकर उन्हें टाइम से दवा देते हैं। इसके बाद वह बच्चों को तैयार कर उन्हें नाश्ता कराते हैं। इसके बाद दोपहर बारह बजे के बाद वह खुद नहाते हैं और नाश्ता करते हैं। इसके बाद ऑफिस के काम में जुट जाते हैं। दोपहर दो बजे से वह फिर ऑफिस का काम करते करते खाना बनाते हैं और सबको खिलाते हैं। शाम को सबको नाश्ता देना और रात में डिनर तैयार कर सबको टाइम से खिलाना उनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुका है। पहले जहां वह रात में एक बजे के आसपास सोते थे, वहीं अब घर और ऑफिस की दोहरी चुनौतियों को निभाते हुए इतना थक जाते हैं कि 11 बजे तक सो जाते हैं। हालांकि इसके बावजूद उनके चेहरे पर मुस्कान बनी रहती है।

ज्यादातर घरों में यही हाल

जो पति पत्‍‌नी अकेले रह रहे हैं, उनके यहां यही तस्वीर देखने को मिल रही है। पत्‍‌नी के कोरोना पीडि़त होने के कारण पुरुष ही घर संभाल रहे हैं। साथ ही ऑफिशियल जिम्मेदारियों का भी बाखूबी निर्वहन कर रहे हैं।

अब हमारी बारी

घर की जिम्मेदारी संभाल रहे पुरुषों का कहना है कि महिलाएं तो हमेशा से घर और उनकी जिम्मेदारी उठाती रहती हैं। अब अगर वे कोरोना से पीडि़त हैं तो हमारा फर्ज है कि हम भी उनका ख्याल रखें। उनका यह भी कहना है कि वे जिम्मेदारियों के मामले में महिलाओं का स्थान तो नहीं ले सकते हैं, लेकिन इतना जरूर है कि संकट के समय में उनका कदम से कदम मिलाकर साथ जरूर दे सकते हैं।

इतना आसान काम नहीं

अब लोगों को यह भी समझ आ गया है कि घर संभालना इतना आसान काम नहीं है। एक तरफ गृहस्थी को मेनटेन करना और दूसरी तरफ बच्चों को संभालना, खासा चुनौती भरा काम है। वर्तमान समय में घर संभाल रहे पुरुषों का कहना है कि सच में पहले लगता था कि घर तो कोई भी संभाल सकता है लेकिन जबसे हमारे ऊपर जिम्मेदारी आई है, अहसास हो गया है कि नौकरी करने से ज्यादा बच्चों और गृहस्थी को संभालना खासा चुनौती भरा काम है।

खाना बनाना सीख रहे

कई पुरुष ऐसे हैं, जिन्हें खाना बनाना नहीं आता है। पत्‍‌नी के कोरोना पीडि़त होने के बाद वह बुक्स या यू ट्यूब वीडियोज के माध्यम से पौष्टिक खाना बनाना भी सीख रहे हैं, जिससे वे और उनका परिवार स्वस्थ रहे।