लखनऊ (ब्यूरो)। तंबाकू के धुएं से 7000 हानिकारक रसायनिक पदार्थ निकलते हैं। जिनमें निकोटीन और टार प्रमुख हैं। इसके धुएं में लगभग 150 ऐसे तत्व पाये जाते हैं जो कैंसर के कारक हैं। जिसके कारण 40 तरह के कैंसर हो सकते हैं। बीढ़ी, सिगरेट व तंबाकू से कैंसर के अतिरिक्त 25 तरह की अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। वहीं, इसका धुआं उसको पीने वाले के फेफड़े में 30 प्रतिशत व आसपास के वातावरण में 70 प्रतिशत रह जाता है। इस परोक्ष धूम्रपान से यदि गर्भवती महिला प्रभावित होती है तो इसके गर्भ में पल रहे शिशु का विकास रुक सकता है तथा गर्भ के अंदर शिशु की मृत्यु भी हो सकती है। यह जानकारी रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग केजीएमयू में वल्र्ड नो टोबैको डे के दौरान बुधवार को विभाग के एचओडी प्रो। सूर्यकांत ने दी।

हर साल 12 लाख मौतें

डॉ। सूर्यकांत ने बताया कि विश्व भर में होने वाली मृत्यु में 50 प्रतिशत मौतों का कारण तंबाकू व धूम्रपान है। प्रतिवर्ष इसके कुप्रभाव के कारण विश्व में लगभग 80 लाख तथा भारत में 12 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। भारत में लगभग 3000 लोगों की मृत्यु प्रतिदिन तंबाकू और इसके उत्पादों के स्वास्थ्य पर होने वाले खतरनाक दुष्प्रभावों के कारण होती है। इस जागरूकता कार्यक्रम में डॉ। एसके वर्मा, डॉ। आनंद श्रीवास्तव समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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पीजीआई के दो विभागों में 30-30 बेड बढ़ेंगे

संजय गांधी पीजीआई में इमरजेंसी मेडिसिन और गैस्ट्रो सर्जरी के मरीजों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, क्योंकि दोनों विभागों में सुविधाएं बढ़ाने का काम किया जा रहा है। अभी इन दोनों विभागों में 60-60 बेड हैं, पर अब इनकी संख्या बढ़कर 90-90 हो जायेगी, जिससे अधिक मरीजों को बेहतर इलाज यहीं मिल सकेगा। संस्थान के निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि संस्थान में इमरजेंसी मेडिसिन और गैस्ट्रो सर्जरी विभागों पर मरीजों का काफी दबाव है। सीमित बेड होने की वजह से सभी मरीजों को भर्ती करना संभव नहीं हो पाता। इसको देखते हुए बेड संख्या बढ़ाने का फैसला किया गया है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की टीम ने विभाग का निरीक्षण करके बेड संख्या बढ़ाने पर मुहर लगा दी है। वहीं, गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में आयोग से मंजूरी के बाद यहां भी 90 बेड पर भर्ती हो सकेगी।

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10 जून को पीजीआई में फिर होगा लिवर ट्रांसप्लांट

पीजीआई ने एक बार फिर लिवर ट्रांसप्लांट की ओर कदम बढ़ाये हैं, जिसके तहत करीब 15 माह के बाद आगामी 10 जून को एक मरीज का लिवर ट्रांसप्लांट करने का फैसला लिया गया है। संस्थान निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि ट्रांसप्लांट से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके अलावा दो अन्य मरीज भी ट्रांसप्लांट की लिस्ट में शामिल हैं।