लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां शिवरी प्लांट में वेस्ट का ढेर लगा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ कंपनी की ओर से टिपिंग फीस बढ़ाए जाने की तैयारी की जा रही है। अगर टिपिंग फीस बढ़ जाती है तो निगम पर वित्तीय बोझ पड़ेगा। जिसकी वजह से भवन स्वामियों से वेस्ट कलेक्शन के एवज में लिया जाने वाला यूजर चार्ज का प्रतिशत भी बढ़ सकता है। हालांकि अभी निगम की ओर से टिपिंग फीस को लेकर शासन को पत्र लिखा जा रहा है।

कंपनी के पास है जिम्मेदारी

ईकोग्रीन कंपनी के पास शिवरी प्लांट की जिम्मेदारी है। जो भी वेस्ट पूरे शहर से कलेक्ट होकर शिवरी प्लांट पहुंचता है, उसे प्रॉपर तरीके से निस्तारित किया जाना चाहिए। कंपनी की ओर से नियमित रूप से वेस्ट तो निस्तारित किया जा रहा है लेकिन पूर्व से ही प्लांट में चार से पांच लाख मीट्रिक टन वेस्ट का ढेर लगा हुआ है। इस ढेर के निस्तारण की भी जिम्मेदारी कंपनी के पास है। हालांकि अभी तक पूरी तरह से प्लांट में लगे वेस्ट के ढेरों का निस्तारण नहीं किया जा सका है।

निगम देता है टिपिंग फीस

कंपनी की ओर से वेस्ट कलेक्शन के एवज में निगम से टिपिंग फीस (कूड़ा निस्तारण खर्च)ली जाती है। कंपनी की ओर से अब इसी टिपिंग फीस में बढ़ोत्तरी को लेकर निगम को पत्र लिखा गया है। अभी कंपनी को 1600 प्रति मीट्रिक टन के आसपास टिपिंग फीस दी जाती है। इस साल के लिए कंपनी ने 1875 रुपये का प्रस्ताव दिया है।

पावर प्लांट भी नहीं लग सका

शिवरी प्लांट में 15 मेगावाट पावर प्लांट भी लगाया जाना था। इसके लिए तैयारियां भी पूरी कर ली गई थीं। पावर प्लांट को लेकर कुछ उपकरण भी आए थे लेकिन अभी तक इस प्लांट को स्थापित नहीं किया जा सका है। इस प्लांट की मदद से वेस्ट के माध्यम से बिजली बनाई जानी थी। प्लांट लगाने के लिए भूमि पूजन तक हो चुका है, इसके बावजूद प्लांट अभी वेटिंग में है।

बढ़ सकता है यूजर चार्ज

अगर टिपिंग फीस बढ़ाए जाने संबंधी फैसला पर मुहर लग जाती है तो निश्चित रूप से भवन स्वामियों से डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन के एवज में वसूला जाने वाले यूजर चार्ज की राशि बढ़ सकती है। हालांकि अभी यूजर चार्ज में कितनी वृद्धि होगी, इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है।

अभी लिया जा रहा यूजर चार्ज

- 5 लाख 80 हजार भवन स्वामी

- 50 रुपये मिनिमम यूजर चार्ज

- 100 रुपये भी लिया जाता यूजर चार्ज

- 200 रु। कॉमर्शियल सेक्टर का यूजर चार्ज

टिपिंग फीस बढ़ाए जाने को लेकर कंपनी की ओर से पत्र दिया गया है। शासन से चर्चा करने के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।

-अजय कुमार द्विवेदी, नगर आयुक्त