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रुष्टयहृह्रङ्ख : कोरोना ने जहां एक ओर आम आदमी की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी, वहीं करीब सात माह तक लगातार एजुकेशन संस्थान बंद रहे। ऐसे में एजुकेशन सिस्टम को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई पर फोकस किया। सीबीएसई और यूपी बोर्ड ने अपने सिलेबस में कटौती की। कोरोना के चलते एजुकेशन में काफी बड़े बदलाव देखने को मिले। यह इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बदलाव होगा।

वाट्सपगु्रप और दूरदर्शन पर लगी क्लासेस

कोरोना के चलते क्लास एक से आठ तक के बच्चों को प्रमोट किया गया। बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में सरकार की तरफ से दूरदर्शन के माध्यम से क्लासेस का प्रसारण किया गया। वहीं वाट्सपग्रुप और अन्य एप से ऑनलाइन पढ़ाई कराई गई।

एलयू ने किया स्लेट का प्रयोग

उच्च शिक्षा के तहत लखनऊ यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर स्लेट एप का अभिनव प्रयोग किया। एप को लेकर यूनिवर्सिटी को कॉपीराइट भी प्राप्त है। एलयू ने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से पढ़ाई कराई। इस दौरान एलयू ने काढ़ा और सेनेटाइजर भी बनाया।

एकेटीयू ने किये कई खोज ईजाद

एकेटीयू ने अपने स्टूडियो के जरिये ऑनलाइन पढ़ाई कराई। वहीं अन्य के लिए भी कंटेंट तैयार कराये गये। इस बीच सेनेटाइजर के साथ कई नई तकनीकों को ईजाद किया गया, जिसकी सरकार ने भी सराहना की।

सत्र हुए लेट, छुट्टियां की गई कम

कोरोना संक्रमण के चलते एजुकेशन संस्थानों में सत्र काफी देर से शुरू हुए, जिसको पूरा करने के लिए सरकार की तरफ से छुट्टी में कटौती की गई। सत्र लेट का नतीजा रहा कि एलयू में अभी पीजी पहले सेमेस्टर की क्लासेस नही शुरू हो सकी हैं।

बीबीएयू की रैंकिंग में सुधार

बीबीएयू के लिए साल 2020 काफी बेहतर रहा। बीबीएयू इस वर्ष 101 से 150 की रैकिंग में शामिल हुआ। यही नहीं देश के टॉप 10 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शामिल हो गया। शिक्षा मंत्रालय की ओर से 40 सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वार्षिक रिपोर्ट में बीबीएयू नौंवे पायदान पर रहा। इसे बेहतर पर्यावरण प्रबंधन के लिए आईएमओ 14001 प्रमाण पत्र भी मिला। बीबीएयू की एनआईआरएफ रैंकिंग में भी सुधार हुआ।

अमीनाबाद में ऑनलाइन प्रैक्टिकल पढ़ाई

लॉकडाउन के दौरान हर शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाने में व्यस्त था। हर कोई थ्योरी ही पढ़ा रहा था, लेकिन किसी ने प्रैक्टिकल की ओर ध्यान नहीं दिया। इसमें अमीनाबाद इंटर कॉलेज पहला ऐसा कॉलेज बना, जिसने तकनीक का इस्तेमाल करते हुए प्रैक्टिकल की पढ़ाई की शुरुआत की। कॉलेज के प्रिंसिपल साहेब लाल मिश्रा ने प्रैक्टिकल का वीडियो और विषय वस्तु तैयार किया। शुरुआत में भौतिक विज्ञान की लैब में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों से प्रैक्टिकल की पढ़ाई की शुरू की। वीडियो लैब में ही तैयार की गई। किसी स्कूल में यह प्रयोग नहीं किया गया।

1288 शोध पत्र स्कोपस में किये प्रकाशित

कोरोना के बीच एकेटीयू ने न केवल अपनी उपलब्धियां बरकरार रखीं बल्कि उनमें बढ़ोत्तरी भी दर्ज की। यूनिवर्सिटी में हो रहे रिसर्च कार्यो की गुणवत्ता के स्तर का अंदाजा प्रकाशित हो रहे रिसर्च पेपर के जर्नल्स पर निर्भर करता है। पूरी दुनिया में स्कोपस, एससीआई एवं आईईईई जर्नल्स को गुणवत्तापूर्ण शोध प्रकाशन के लिए जाना जाता है। वर्ष 2020 में यूनिवर्सिटी द्वारा लगभग 1288 रिसर्च पेपर का प्रकाशन स्कोपस जर्नल्स में किया गया है, जो पिछले 5 वषरें की अपेक्षा कहीं अधिक है।

डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित

कोरोना के चलते उच्च शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई पर फोकस किया गया। इस दौरान यह अनुभव किया गया कि ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है। इसे देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा डिजिटल लाइब्रेरी का सृजन किया गया। वर्तमान में डिजिटल लाइब्रेरी में 134 विषयों के 71 हजार से अधिक ई.कंटेंट उपलब्ध हैं जिन्हें 23 यूनिवर्सिटी एवं अनेक डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों द्वारा तैयार किया गया।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को 17 वर्किंग ग्रुप गठित

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के मुख्य बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए 17 वर्किंग ग्रुप बनाए गए। प्रत्येक वर्किंग ग्रुप को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए एक विषय आवंटित किया गया। प्रत्येक वर्किंग ग्रुप द्वारा स्टीयरिंग कमेटी की ऑनलाइन मीटिंग में अपनी कार्य योजना प्रस्तुत की जाती है तथा सभी के सुझाव आमंत्रित कर उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।