- राजधानी में सादगी से मनाया गया ईद का पर्व

- कोरोना को देखते हुए मस्जिदों में पांच लोगों ने पढ़ी नमाज

LUCKNOW: कोरोना काल में राजधानी में ईद-उल-फित्र का पर्व शुक्रवार को बेहद सादगी से मनाया गया। ईदगाह और मस्जिदों में केवल पांच लोगों ने ही नमाज पढ़ी। बाकी लोगों ने अपने घर में ही नमाज पढ़ी। वहीं लोग न तो ईद में किसी से गले मिले और ना ही उन्होंने किसी से हाथ मिलाया। लॉकडाउन होने के कारण इस बार ईद पर पहले जैसे रौनक भी देखने को नहीं मिली।

ईद की मुबारकबाद दी

मुस्लिम धर्मगुरुओं की अपील का पालन करते हुये लोगों ने ईद की नमाज से लेकर त्योहार तक घर पर ही मनाया। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने नमाज से पहले अपने खिताब में तमाम मुसलमानों को मुबारकबाद दी। उन्होने कहा कि कोविड से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के सुरक्षा के उपायों, सरकार के आदेशों व व्यवस्थाओं और उलमा की अपीलों पर अमल करते हुए मुसलमानों ने रमजानुल मुबाकर की तरह ईद-उल-फित्र की खुशी के दिन भी कोविड प्रोटोकॉल की पाबंदी की। इसलिए ईदगाह लखनऊ में सिर्फ पांच लोगों ने इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फंरगी महली की इमामत में ईद की नमाज अदा की। नमाज के बाद मौलाना ने खुदा पाक के हुजूर में दुआ करते हुए अपने देश और पूरी दुनिया से इस महामारी के जल्द खात्मे की दुआयें कीं।

कोरोना खात्मे को दुआ

शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मुमताज उल उलेमा मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने अपने घर पर परिवार सहित ईद की नमाज पढ़ी और आखिर में कोरोना वबा के जल्द खत्म होने कि दुआ के साथ मुल्क में खुशहाली कि दुआ की और तमाम देशवासियों को ईद की मुबारकबाद दी।

देश की तरक्की की दुआ

इदारा-ए-शरइया फिरंगी महल के अध्यक्ष मुफ्ती अबुल इरफान फिरंगी महली काजी शहर ने ईद उल फितर के मुबारक मौके पर इदारा-ए-शरइया फिरंगी महल मे ईद-उल-फितर की चार रकात नमाज चाश्त की अदा करके यह पैगाम दिया की मुसलमानों ने हरदम अपने मुल्क हिंदुस्तान के लिए अपनी जानमाल हर शय कि कुर्बानी दी है। जिसकी मिसाल एक बार फिर कायम करते हुए मुल्क की सलामती के लिए अपनी इबादत को अपने-अपने घरों में कोरोना जैसी महामारी में जारी हीदायतों पर पूर्ण रूप से अमल करते हुए अदा की। हमें यकीन है कि तमाम मुसलमानों ने अपनी इबाततो में देश की सलामती, तरक्की के लिए और इस महामारी कोरोना से निजात के लिए जो दुआएं की हैं।

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घरों में बनी सेवई

हर साल की तरह इस वष भी घरों में सेवईयां जरूर बनीं लेकिन पहले की तरह होने वाली रौनक गायब रही। कोरोना के चलते लोग एक दूसरों के घरों में मुबारकबाद देने नहीं पहुंचे। लोगों ने घरों में ही रहकर ईद की नमाज पढ़ी और कोरोना खात्मे की दुआ मांगी। इसके अलावा घरों में बनने वाले कई पकवान दस्तरख्वान से गायब रहे। सबसे ज्यादा कमी नॉनवेज आइटम की खली।

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मस्जिदें अैार मार्केट सूनी

ईद के दिन राजधानी की सभी मस्जिदों व ईदगाह में नमाजियों का जमावड़ा रहता था लेकिन इस बार हर मस्जिद व ईदगाह सूने दिखे। ऐहितहासिक ईदगाह लखनऊ में हर साल पांच लाख मुसलमान ईद की नमाज अदा करते थे, वहीं इस साल सिर्फ पांच लोगों ने इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की इमामत में ईद की नमाज अदा की। चौक, अमीनाबाद, नजीराबाद और कैसरबाग जैसे एरिया पूरी तरह सन्नाटे में डूबे दिखाई दिए।