लखनऊ (ब्यूरो)। सिस्टम की लापरवाही से बुधवार सुबह स्कूली बस में सवार करीब एक दर्जन बच्चों की जिंदगी उस वक्त खतरे में पड़ गई, जब पोल से लटक रहे बिजली के तारों में बस उलझ गई। जैसे ही चालक ने बस को निकालने का प्रयास किया, उसी दौरान बिजली का खंभा भी सड़क पर आ गया। बच्चों की चीख पुकार सुन स्थानीय लोग मदद को दौड़े और एक-एक बच्चे बस से सुरक्षित बाहर निकाला। इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में भी खासा आक्रोश है।

लापरवाही की इंतहा

मडिय़ांव स्थित मुस्कान पीसीओ के पास से बुधवार सुबह एसआर ग्लोबल स्कूल की बस गुजर रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो बस में एक दर्जन के करीब बच्चे सवार थे। अचानक खंभे से लटक रहे बिजली के तार बस की छत पर आ गए। यह देख चालक भी सकते में आ गया और आनन-फानन में बस को तारों के मकडज़ाल से निकालने का प्रयास किया, लेकिन इसी दौरान बिजली का खंभा भी टूटकर गिर गया। यह देख बस में सवार बच्चे दहशत में आ गए।

लोग मदद को दौड़े

बच्चों की चीख पुकार सुनकर स्थानीय लोग तत्काल मदद को दौड़े साथ ही बिजली विभाग को भी सूचित कर शटडाउन कराया गया। स्थानीय लोगों ने एक-एक बच्चे को बस से बाहर निकाला और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। स्थानीय लोगों का कहना है कि लंबे समय से पोल से तार लटक रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है। जिम्मेदारों की उदासीनता से ही ये हादसा हुआ है।

हर जगह है समस्या

जर्जर बिजली पोल की समस्या हो या खंभों से लटकते बिजली के तार, कई इलाकों में उक्त दोनों समस्याओं को आसानी से देखा जा सकता है। आलम यह है कि जर्जर बिजली पोल और तारों के मकडज़ाल की वजह से किसी दिन भी कहीं भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसके बावजूद बिजली विभाग की ओर से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उतरेठिया, प्राइमरी स्कूल के पास भी एक लोहे का पोल लगा हुआ, जो पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। किसी भी दिन यह पोल गिर जाएगा और इसकी चपेट में आने से लोग घायल हो सकते हैं। कई बार अधिकारियों से शिकायत के बावजूद समस्या का कोई हल नहीं निकल सका है।

अंडरग्राउंड नहीं हो सके तार

स्मार्ट सिटी के तहत कई प्रोजेक्ट बनाए गए थे, जिसमें से एक प्रोजेक्ट बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया जाना था, लेकिन गुजरते वक्त के साथ यह प्रोजेक्ट रफ्तार नहीं पकड़ सका। पुराने लखनऊ को छोड़ दें तो किसी भी अन्य इलाकों में तारों को अंडरग्राउंड किए जाने का काम शुरू नहीं हो सका है। अगर बिजली के तार अंडरग्राउंड हो जाएं, तो साफ है कि जनता को भी राहत मिलेगी साथ ही लूज बिजली के तारों के कारण सामने आने वाली ट्रिपिंग की समस्या भी काफी हद तक समाप्त हो जाएगी।