लखनऊ (ब्यूरो)। उपभोक्ता परिषद ने बिजली कार्मचारियों के कार्य बहिष्कार से पूरे प्रदेश में हुए नुकसान की भरपाई उपभोक्ताओं से ना करने और स्टैंडर्ड ऑफ परफॉरमेंस रेगुलेशन 2019 के तहत उपभोक्ताओं को मुआवजा दिलाने के लिए नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह से मुलाकात कर याचिका दाखिल की है। परिषद का कहना है कि कार्य बहिष्कार से करीब 600 से 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

उपभोक्ताओं को समस्याएं उठानी पड़ीं

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह व सदस्य बीके श्रीवास्तव से मुलाकात कर याचिका दायर की। जिसके माध्यम से उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को जो समस्याएं उठानी पड़ीं, वह बहुत गंभीर मामला है। ऐसे में विद्युत नियामक आयोग को विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए। विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन ने आश्वासन दिया कि निश्चित तौर पर मामला काफी गंभीर है। विद्युत नियामक आयोग इसमें प्रावधानों के अनुसार रिपोर्ट मंगा कर जनहित में कार्रवाई करेगा।

अब दिया जाए मुआवजा

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने मुद्दा उठाया कि बिजली व्यवधान के चलते उपभोक्ताओं को कई दिनों तक परेशानी उठानी पड़ी। उसके एवज में ऐसे सभी जनपदों को चिन्हित करके जहां पर उपभोक्ताओं को सुचारू बिजली आपूर्ति नहीं दी गई, उन्हें स्टैंडर्ड ऑफ परफॉरमेंस कानून 2019 के तहत मुआवजा दिलाया जाए। अनेकों विद्युत उत्पादन इकाइयां भी बंद हो गईं, यदि उसका आंकलन किया जाए तो लगभग 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ। कार्य बहिष्कार के दौरान जिन उपभोक्ताओं की बिलिंग डेट रही होगी, वो बिल जमा नहीं कर पाए होंगे। ऐसे में उनकी बिलिंग डेट को आगे बढ़ाया जाए और उनसे सरचार्ज ना वसूला जाए। विद्युत व्यवस्थापन के नुकसान का आंकलन भी किया जाना चाहिए और इसका भार उपभोक्ताओं पर किसी भी स्तर से न पड़े।