- 4 एलीवेटेड रोड शहर में बननी है
- 409 करोड़ की लागत से है बनना
- 5 अगस्त को गृहमंत्री ने की थी घोषणा
- 15 अगस्त को शुरू होना था काम
- मई 2020 तक पूरा होना है काम
-राजधानी में स्वीकृत चार एलीवेटेड रोड की शुरुआत पर रास्ते में आ रही अंडरग्राउंड सीवर और वाटर लाइन ने लगाया ब्रेक
-सेतु निगम ने संबंधित विभागों को लाइनें डायवर्ट कराने के लिये इस्टीमेट तैयार करने को कहा, लगेगा लंबा वक्त
pankaj.awasthi@inext.co.in
LUCKNOW ::
राजधानी को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिये पुराने शहर में स्वीकृत किये गए तीन एलीवेटेड रोड सीवर, बिजली केबल और पाइप के 'भंवरजाल' में 'फंस' गए हैं। दरअसल, इन एलीवेटेड रोड के रास्ते में अंडरग्राउंड सीवर व वाटर लाइंस ने प्रोजेक्ट की शुरुआत में ही अड़ंगा लगा दिया है। कोई हल न निकलता देख अब सेतु निगम ने नगर निगम और जल संस्थान को इन लाइंस को दूसरी ओर शिफ्ट करने के लिये इस्टीमेट तैयार करने को कहा है। वहीं, एयरपोर्ट से शहीद पथ तक बनने वाली एलीवेटेड रोड नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया से एनओसी के इंतजार में लटक गई है। देश के गृह मंत्री व राजधानी के सांसद राजनाथ सिंह द्वारा शिलान्यास किये एक महीना बीतने के बावजूद इन अड़चनों ने एलीवेटेड रोड का काम जल्द शुरु होने की उम्मीदों पर सवालिया निशान जरूर लगा दिये हैं।
409 करोड़ रुपये में पूरे होने थे चारो प्रोजेक्ट
बीती पांच अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री व लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह व सीएम योगी आदित्यनाथ ने 409 करोड़ रुपये की लागत से राजधानी में बनने वाले चार एलीवेटेड रोड का शिलान्यास किया। इन चारो एलीवेटेड रोड के काम को शुरू करने की तिथि 15 अगस्त और पूरा करने की तिथि मई 2020 मुकर्रर कर दी गई थी। कार्यक्रम में मौजूद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने भी 10 दिन में काम शुरू कराने का वायदा किया था। यह सभी काम पूरा होने से राजेंद्र नगर, ऐशबाग, राजाजीपुरम, मोतीनगर, हुसैनगंज, चौक, हैदरगंज के साथ ही शहीद पथ से एयरपोर्ट जाने वाले लाखों लोगों को राहत मिलने वाली थी।
पुराना शहर बना मुसीबत
मंजूर की गई चार एलीवेटेड रोड में से तीन पुराने शहर में स्थित हैं। इनमें से दो 110 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली हैदरगंज तिराहे से चरक चौराहा तक ढाई किलोमीटर की और 40 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली हैदरगंज तिराहे से मीना बेकरी चौराहे तक एक किलोमीटर की एलीवेटेड रोड तुलसीदास मार्ग पर स्थित हैं। जबकि, 125 करोड़ की लागत से गुरु गोविंद सिंह मार्ग पर महाराणा प्रताप चौराहा से राजेंद्र नगर तिराहे तक डेढ़ किलोमीटर की एलीवेटेड रोड प्रस्तावित है। गुरु गोविंद सिंह मार्ग व तुलसीदास मार्ग घनी बस्ती में होने की वजह से वर्तमान में इन दोनों ही सड़कों के नीचे ढेरों अंडरग्राउंड सर्विसेज जैसे सीवर लाइन, रॉ वाटर लाइन और वाटर सप्लाई लाइन स्थित हैं। कई जगहों पर बिजली की अंडरग्राउंड केबल व ट्रांसफार्मर भी एलीवेटेड रोड की राह में रोड़ा बन रहे हैं।
बिजली विभाग को फंड रिलीज
सेतु निगम के असिस्टेंट इंजीनियर मानस श्रीवास्तव ने बताया कि इन तीनों परियोजनाओं के नीचे आ रही अंडरग्राउंड केबल व ट्रांसफार्मर को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिये लेसा द्वारा 11.50 करोड़ रुपये का इस्टीमेट दिया गया था, जिसका 90 प्रतिशत फंड भी रिलीज कर दिया गया। अब लेसा की सर्विसेज शिफ्टिंग के लिये उनका टेंडर प्रोसेस में है। वहीं, अंडरग्राउंड सीवर लाइन, रॉ वाटर व वॉटर सप्लाई लाइन को शिफ्ट करने के लिये नगर निगम जोन-2 व जल संस्थान से इस्टीमेट जल्द से जल्द तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा गया है।
एनएचएआई से एनओसी का इंतजार
सांसद प्रतिनिधि व पूर्व आईएएस दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि 134 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली शहीद पथ से एयरपोर्ट तक चौथी एलीवेटेड रोड के लिये नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से एनओसी की जरूरत है। इसका प्रोसेस शुरू कर दिया गया है, एनओसी मिलते ही इस पर काम शुरू हो सकेगा।
इन एलीवेटेड रोड का होना है निर्माण
1. हुसैनगंज से डीएवी कॉलेज एलीवेटेड रोड
लेन: 3
लंबाई: 1,656 मीटर
लागत: 123.80 करोड़ रुपये
लाभान्वित आबादी: राजाजीपुरम, राजेंद्रनगर, हुसैनगंज, ऐशबाग, मोतीनगर, मालवीय नगर, हैदरगंज, तालकटोरा
2. हैदरगंज तिराहा से मीनाबेकरी पूर्व एलीवेटेड रोड
लेन: 2
लंबाई: 908.765 मीटर
लागत: 40.43 करोड़ रुपये
लाभान्वित आबादी: राजाजीपुरम, आलमनगर, बाजारखाला, नक्खास, हैदरगंज, ऐशबाग
3. चरक क्रॉसिंग से हैदरगंज चौराहा एलीवेटेड रोड
लेन: 2
लंबाई: 2,478.042 मीटर
लागत: 110.15 करोड़ रुपये
लाभान्वित आबादी: चौक, ठाकुरगंज, राजाजीपुरम, ऐशबाग, आलमबाग, कानपुर रोड
4. शहीद पथ से एयरपोर्ट एलीवेटेड रोड
लेन: 2
लंबाई: 2197.52 मीटर
लागत: 134.69 करोड़ रुपये
लाभान्वित आबादी: राजधानी के साथ रायबरेली, सुल्तानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, रायबरेली, बाराबंकी, फैजाबाद व गोरखपुर से आने-जाने वाले हवाई यात्री