लखनऊ (ब्यूरो)। नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ में सोमवार को मादा हिप्पो के हमले से सफाईकर्मी सूरज की मौत हो गई। साथ ही एक अन्य कर्मचारी के घायल होने की भी सूचना है। हमले के बाद आनन फानन में अन्य कर्मचारी, निदेशक व उपनिदेशक सूरज को सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 4 दिसंबर की रात कानपुर जू से मादा हिप्पो इंद्रा को लाया गया था। इंद्रा को नर हिप्पो आदित्य के पीछे वाले बाड़े में 14 दिन के आइसोलेशन में रखा गया था।

सोमवार सुबह 10:45 बजे की घटना

सोमवार को लखनऊ जू दर्शकों के लिए बंद रहता है, लेकिन स्टाफ के लिए खुला रहता है। सुबह सूरज हिप्पो के बाड़े में सफाई करने पहुंचे थे। जू निदेशक के मुताबिक, 10 बजकर 45 मिनट के करीब हिप्पो ने सूरज पर हमला कर दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। अन्य कर्मचारियों ने बताया कि सफाई के दौरान हिप्पो के तेवर आक्रामक हो गए और उसने सूरज को पटक दिया और पेट पर दांत से हमला कर दिया। उस समय बाड़े में सूरज के साथ एक अन्य कर्मचारी भी था, जिसने हिप्पो के हमले के बाद भागने की कोशिश की, लेकिन उसकी टक्कर से वह भी घायल हो गया। शोर सुनकर अन्य कर्मचारी वहां पहुंचे और दोनों को लेकर सिविल अस्पताल गए। जहां सूरज को मृत घोषित कर दिया गया और दूसरे कर्मचारी राजू का इलाज चल रहा है। हालांकि, हमले को लेकर जू प्रशासन ने साफ नहीं किया है कि हिप्पो ने सूरज पर हमला कैसे किया। जू प्रशासन का कहना है कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ होगी।

साल 2013 से संविदा पर थे

सूरज दुबग्गा के धानुका के निवासी थे। वह साल 2013 से संविदा पर 5500 रुपये के वेतन पर लखनऊ जू में काम कर रहे थे। वह डियर लाइन सेक्शन में अलग-अलग वन्यजीवों के बाड़ों की साफ-सफाई का काम करते थे। लखनऊ जू में वह संविदा पर कार्यरत थे। उनके परिवार में पत्नी लता के अलावा दो बच्चे हैं। जिनमें बेटी की उम्र 14 साल और बेटे की उम्र 10 साल है। सूरज के अलावा परिवार में कोई भी कमाने वाला नहीं है। हादसे के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक सूरज के रिश्तेदार विकास ने बताया कि सूरज सुबह ड्यूटी पर गए थे। हमको कर्मचारियों ने फोन पर सूचित किया कि आप लोग सिविल अस्पताल आ जाइए। किसी ने यह नहीं बताया था कि उनकी मौत हो गई। यहां आकर पता चला कि हिप्पो के हमले से उनकी दर्दनाक मौत हो गई।

जू प्रशासन ने की आर्थिक सहायता की पेशकश

जू निदेशक डॉ। अदिति शर्मा ने घटना पर शोक जताया। साथ ही उन्होंने सूरज के परिवार की आर्थिक सहायता के लिए 50 हजार रुपये देने की बात कही है। डॉ। शर्मा ने बताया कि हादसा कैसे हुआ, किसकी लापरवाही से हुआ, इस पूरे मामले की जांच को लेकर कमिटी बना दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी मंगलवार को आ जाएगी। इसके बाद मामले की सही स्थिति स्पष्ट होगी।

सेफ्टी पर और ध्यान देंगे

जू निदेशक डॉ। शर्मा ने बताया कि जू प्रशासन अपने कर्मचारियों को समय-समय पर ट्रेनिंग देता रहता है। इसमें सबसे पहले हम उनसे सुरक्षा की ही बात करते हैं। इस हादसे के बाद अपने कर्मचारियों की सुरक्षा पर और काम करेंगे। सुरक्षा को लेकर चाहे ट्रेनिंग देने की बात हो या मॉक ड्रिल, बाड़े में एंट्री और एग्जिट गेट बढ़ाने की जरूरत महसूस होगी तो वह भी किया जाएगा। जू प्रशासन में इस तरह के हादसे न हों, इसके लिए पूरे प्रयास किए जाएंगे।

पहले भी हुए हैं हादसे

1995 में गेंडे लोहित ने डॉक्टर दास की जान ले ली थी। वहीं, लखनऊ जू में एक युवक पतंग लूटने के लिए लोहित के बाड़े में घुस गया था, जिसके बाद लोहित ने हमलावर होकर उसकी भी जान ले ली थी। साल 2018 में लोहित की मौत हो गई थी। लोहित को भी कानपुर से लखनऊ जू लाया गया था।