लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में बारिश के साथ मच्छरों का ब्रीडिंग सीजन भी शुरू हो चुका है। जिसके कारण डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। खासतौर पर घर की छतों पर पड़े कबाड़ और घरों के आसपास खाली पड़े प्लॉटों में पानी भर जाता है। जो मच्छरों के पनपने के लिए मुफीद होते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डेंगू मच्छर को जहां भी साफ पानी मिलेगा वह वहां पनपना शुरू कर देते हैं। ऐसे में घर समेत आसपास साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी है।

खाली प्लॉट बड़ा खतरा

राजधानी में 110 वार्ड हैं। जहां करीब एक हजार से अधिक खाली प्लॉट हैं, जो मच्छरों के पनपने के लिए मुफीद जगह हैं। बारिश की वजह से खाली प्लॉटों में पानी भर जाता है। जहां मच्छर के लार्वा पनपने लगते हैं, जिसकी वजह से आसपास के घरों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ने का खतरा रहता है। ऐसे में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। प्लॉट में गंदगी और पानी भरने को लेकर नगर निगम मालिक को नोटिस देने के साथ-साथ पांच हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगाता है। हालांकि, निगम फॉगिंग का भी काम करता है। ऐसे में निगम को भी समय रहते फॉगिंग करवानी चाहिए।

घरों में सबसे ज्यादा खतरा

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ। निशांत निर्वाण ने बताया कि डेंगू फैलाने वाले मच्छर केवल साफ पानी में ही पनपते हैं, जो खासतौर पर घरों के अंदर मिलते हैं। घरों में कूलर, टायर, गमले व गमलों की प्लेट के अलावा छतों पर पड़े कबाड़ में भरे पानी तक में ये पैदा हो सकते हैं। इतना ही नहीं, चम्मच में जमा पानी तक में डेंगू का लार्वा पाया गया है। इसके अलावा घरों के आसपास खाली प्लॉटों में भी कई बार डेंगू के लार्वा मिले हैं। जिसके बाद एंटी लार्वा का छिड़काव कराया गया है, ताकि मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

गोमती नगर, अलीगंज, महानगर संवेदनशील

डॉ। निशांत निर्वाण के मुताबिक, डेंगू के मामलों को लेकर इंदिरा नगर, गोमती नगर, महानगर, अलीगंज, फैजुल्लागंज, खदरा और आलमबाग जैसे इलाके सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं। बीते साल करीब 60-70 फीसदी से अधिक मामले केवल इन्हीं इलाकों में मिले थे। इन इलाकों में खासतौर पर अभियान चलाया जा रहा है। जहां जिला मलेरिया इकाई की टीम एंटी लार्वा का छिड़काव करने का काम कर रही है। साथ ही लोगों को डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पॉश इलाकों में अभियान में थोड़ी दिक्कत आती है, क्योंकि लोग अपने घरों का निरीक्षण नहीं करने देते। कई बार लोग टीम के सदस्यों के साथ ठीक से व्यवहार तक नहीं करते, जिसकी वजह से दिक्कतें आती हैं। हालांकि, निरीक्षण के दौरान लार्वा मिलने पर चालान किया जा रहा है। जनवरी से अबतक करीब 136 से अधिक लोगों को नोटिस थमाई जा चुकी है। लोगों को डेंगू से बचाव के लिए टीमों का सहयोग करना चाहिए।

यहां ज्यादा खतरा

-इंदिरा नगर

-गोमती नगर

-महानगर

-अलीगंज

-फैजुल्लागंज

-खदरा

-आलमबाग

डेंगू के मच्छरों को जहां साफ पानी मिलता है, वे वहां पनपने लगते हैं। घरों के अलावा कई बार खाली प्लॉटों में भी डेंगू का लार्वा मिलता है।

-डॉ। निशांत निर्वाण, जिला सर्विलांस अधिकारी