लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू के चारों ओर लगा अतिक्रमण जल्द हटाया जायेगा। ट्रामा के आसपास का अतिक्रमण सबसे पहले हटाया जायेगा, ताकि गंभीर मरीजों को यहां तक पहुंचने में कोई दिक्कत न हो। साथ ही, यहां लगे ठेले-खोमचे आदि दुकानों को दूसरी खाली जगह पर शिफ्ट किया जायेगा, ताकि उनका रोजगार प्रभावित न हो। ये निर्देश डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक द्वारा मंगलवार को केजीएमयू निरीक्षण के दौरान दिए गए।

दिए कई दिशा-निर्देश

डिप्टी सीएम ने मंगलवार को केजीएमयू का निरीक्षण किया। सबसे पहले उन्होंने कुलपति कार्यालय का जायजा लिया। यहां बिजली के तार लटक रहे हैं। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। वीसी डॉ। बिपिन पुरी को तारों को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। इसके बाद वह बायोकेमेस्ट्री विभाग की तरफ गए। यहां काफी स्थान खाली पड़ा था। खाली स्थान पर उन्होंने पेड़-पौधे रोपने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नैक टीम पर्यावरण पर नजर रखती है। लिहाजा परिसर में खाली स्थानों पर अच्छे पौधे रोपें।

मरीज को दिया कंबल

इसके बाद बाल रोग विभाग के पास पहुंचे। वहां रैन बसेरे का जायजा लिया। तीमारदारों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं को देखा। इसी दौरान स्ट्रेचर पर एक मरीज जा रहा था। ठंड की वजह से वह कांप रहा था। डिप्टी सीएम ने तुरंत अपनी गाड़ी से कंबल निकालकर मरीज को दिया।

आला अधिकारियों संग की बैठक

इस दौरान डिप्टी सीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक भी की। उन्होंने ओपीडी, रैन बसेरा, ट्रामा सेंटर समेत अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, सीएमओ डॉ। मनोज अग्रवाल, केजीएमयू वीसी डॉ। बिपिन पुरी, कुलसचिव रेखा एस चौहान, पुलिस व जिला प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे। निरीक्षण के बाद कुलपति कार्यालय के कमेटी हाल में बैठक में डिप्टी सीएम ने कहा कि केजीएमयू के आसपास जो अतिक्रमण की समस्या है, उसे हटाया जाए। अधिकारी ठेले-खोमचे वालों को व्यवस्थित तरीके से हटाएं, ताकि रोजगार का संकट न खड़ा हो। जैसे चटोरी गली में ठेले-खोमचे वालों के पास ट्रॉली हैं वैसी ही व्यवस्था यहां के लोगों के लिए की जाए। डिप्टी सीएम ने कहा कि मरीजों को हितों के लिए कदम उठाए जाएं, क्योंकि केजीएमयू में प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। लिहाजा उन्हें खाने पीने की वस्तुएं आसानी से मिल सकें, इसका भी ख्याल रखें।

एंबुलेंस आसानी से पहुंचे

डिप्टी सीएम ने आगे बताया कि केजीएमयू में भीतर से लेकर बाहर तक की व्यवस्थाओं को बेहतर करने की आवश्यकता है। आवागमन की व्यवस्था उचित हो। एंबुलेंस बिना जाम में फंसे अस्पताल तक आ सकें। इससे मरीजों को समय पर इलाज मिलना भी आसान होगा। तीमारदारों के लिए रैन बसेरे की बेहतर व्यवस्था हो।

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ट्रामा एचआरएफ में अब तीन माह की दवा होगी स्टोर

केजीएमयू ट्रामा सेंटर में मरीजों को अब दवाओं की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा। दरअसल, यहां के हॉस्पिटल रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) काउंटर पर अब सभी जरूरी दवाओं का करीब तीन माह तक का स्टॉक रखा जाएगा, ताकि गंभीर मरीजों को दवा की कमी के चलते बाहर से महंगी दवा न खरीदने पड़े। इस फैसले से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

तीन माह का रखा जायेगा स्टॉक

केजीएमयू एचआरएफ काउंटर के तहत मरीजों को करीब 80 फीसदी तक सस्ती दरों पर दवा उपलब्ध करा रहा है। खासतौर पर ट्रामा सेंटर में इसके दो काउंटर खुले हैं, चूंकि यहां प्रदेश भर से रोजाना 300 से अधिक गंभीर मरीज आते हैं। रोज 100 से अधिक मरीजों को भर्ती करना पड़ता है, जिसमें ट्रीटमेंट शुरू करने के लिए सबसे ज्यादा ग्लूकोज, ग्लव्स, सिरिंज व न्यूरो, ट्रॉमा, पीडियाट्रिक, आईसीयू व दूसरी विभागों की जीवनरक्षक दवाओं की खपत अधिक है। दवाओं की खपत के मुकाबले स्टॉक पर्याप्त नहीं रहता है। एचआरएफ के चेयरमैन डॉ। विजय कुमार ने बताया कि ट्रामा में मरीजों को काफी लोड है। साथ ही, यहां पर दवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इसी को देखते हुए यहां पर अब करीब तीन माह की जरूरत के अनुसार दवाओं का स्टॉक रखा जायेगा, ताकि हर गंभीर मरीज को समय पर सस्ती दरों पर दवा मिल सके। जैसे-जैसे दवा खत्म होगी नया स्टॉक भेजा जाएगा।