लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में मीटर रीडिंग का नया खेल सामने आया है। उपभोक्ताओं की ओर से बिजली खपत तो जमकर की जा रही है, लेकिन रीडिंग बेहद औसत या शून्य आ रही है। जिससे साफ है कि उपभोक्ताओं की ओर से मीटर रीडिंग में जमकर गड़बड़ी की जा रही है और बिजली विभाग को रेवन्यू संबंधी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या एक या दो नहीं बल्कि करीब 10 हजार है। राजधानी के सिस और ट्रांसगोमती, दोनों में ही ऐसे उपभोक्ता सामने आए हैैं, जिनके घरों में लगे मीटर्स में बिजली खपत के मुताबिक रीडिंग शो नहीं हो रही है। अब मध्यांचल प्रशासन की ओर से ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही विभागीय टीमें भी ऐसे उपभोक्ताओं के घर जाकर मीटर चेक कर रही हैैं और रिपोर्ट तैयार कर रही हैैं।

किसी की शून्य तो किसी की कम

मध्यांचल प्रशासन की ओर से की गई जांच पड़ताल में जो जानकारी सामने आई है, उससे साफ है कि कई उपभोक्ताओं के मीटर में रीडिंग शून्य शो हो रही है, जबकि कई उपभोक्ताओं के मीटर में बिजली खपत के मुकाबले 10 या 20 प्रतिशत ही रीडिंग शो हो रही है। जो नियम विरुद्ध है। साफ है कि मीटर में उतनी ही रीडिंग शो होनी चाहिए, जितना उपभोक्ता के द्वारा बिजली का यूज किया जा रहा है। अगर किसी के मीटर में रीडिंग कम या शून्य है, तो इसे बिजली चोरी की श्रेणी में रखा जाएगा और उपभोक्ता के खिलाफ जुर्माना एवं विधिक कार्रवाई की जाएगी। जो उपभोक्ता सामने आए हैैं, उनके खिलाफ भी मध्यांचल प्रशासन की ओर से कुछ ऐसी ही तैयारी की जा रही है।

सभी इलाकों में मिले केस

मध्यांचल डिस्कॉम के अधिकारियों की ओर से कराए गए सर्वे में लगभग पूरे शहर में ऐसे उपभोक्ता चिन्हित किए गए हैैं, जिनकी रीडिंग में गड़बड़ी मिली है। यह बात भी स्पष्ट है कि पुराने लखनऊ के अंतर्गत आने वाले इलाकों में ज्यादा गड़बड़ी देखने को मिल रही है। हाल में ही चौक के विक्टोरिया उपकेंद्र के अंतर्गत चेकिंग अभियान चलाया गया था। जिसमें बिजली उपभोक्ताओं के कनेक्शन चेक किए गए थे। यहां आधा दर्जन से अधिक उपभोक्ता ऐसे सामने आए थे, जिनकी मीटर रीडिंग शून्य थी। अब इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है साथ ही मीटर भी रिप्लेस किए जा रहे हैैं।

इस तरह मिल रहा खेल

1-मीटर रीडिंग में शून्य अंकित होना

2-खपत के मुकाबले 10 या 20 प्रतिशत रीडिंग

3-मीटर के साथ छेड़छाड़ किया जाना

4-मीटर केबिल के साथ छेड़छाड़

कर्मचारियों की भी जांच

एक तरफ जहां मध्यांचल प्रशासन की ओर से रीडिंग में खेल करने वाले उपभोक्ताओं को चिन्हित किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ अपने विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। जिस एरिया में मीटर रीडिंग में खेल करने वाले अधिक उपभोक्ता सामने आते हैैं, तो वहां के मीटर रीडर और लाइनमैन के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। अगर बड़े प्रकरण सामने आते हैैं तो वरिष्ठ अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। विभागीय जांच की रिपोर्ट आने के बाद संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी साथ ही यह रिपोर्ट पावर कारपोरेशन को भी भेजी जाएगी।

खपत के अनुसार जुर्माना

जिस उपभोक्ता के यहां मीटर रीडिंग शून्य है या खपत के मुकाबले बेहद कम आ रही है तो सबसे पहले उसके घर या दुकान में लगे मीटर को जब्त किया जाएगा और जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। जहां से औसत खपत का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही खपत के आधार पर उपभोक्ता पर जुर्माना लगाया जाएगा साथ ही बिजली चोरी के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उपभोक्ता के यहां नया मीटर लगा दिया जाएगा और उसकी रीडिंग की मॉनीटरिंग कंट्रोल रूम से की जाएगी। जिससे दोबारा कोई उपभोक्ता रीडिंग में गड़बड़ी न कर सके।

जिन उपभोक्ताओं के यहां बिजली खपत के मुकाबले रीडिंग कम मिली है, उनके मीटर्स की जांच कराई जा रही है। ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी साथ ही अगर विभाग के किसी भी कर्मचारी की संलिप्तता मिलती है तो उस पर भी एक्शन होगा।

-योगेश कुमार, डायरेक्टर कॉमर्शियल, मध्यांचल डिस्कॉम