लखनऊ (ब्यूरो)। निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही दिग्गजों ने अपनी तरफ से मेहनत शुरू कर दी है। उनकी ओर से वार्ड में कराए गए विकास कार्यों को आधार बनाकर वोट बैंक मजबूत करने की कवायद की जा रही है। वहीं, नए प्रत्याशी दिग्गजों के वोट बैंक में सेंध लगाने की कवायद कर रहे हैं। हालांकि, सभी प्रत्याशियों की नजर चुनावी तारीखों पर टिकी हुई है। चुनावी तारीखों के सामने आने के बाद प्रत्याशियों की ओर से नए सिरे से रणनीति बनाई जाएगी।

नए वार्डों में कड़ी टक्कर

जिन वार्डों का विस्तार हुआ है, वहां पर प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। इसकी वजह यह भी है कि नए वार्डों में सभी प्रत्याशियों के चेहरे नए होंगे और हर किसी के सामने वोट बैंक मजबूत करने की चुनौती होगी। कई वार्डों की सीमा में खासा विस्तार भी हुआ है, ऐसे में प्रत्याशियों के सामने नए क्षेत्र में आने वाले प्रत्याशियों तक पहुंचने के लिए रणनीति बनानी होगी। हर प्रत्याशी का यही प्रयास होगा कि नए एरिया में आए वोटर्स को अपने साथ लाया जाए, जिससे उनकी चुनावी मैदान में जीत दर्ज हो सके।

कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी

राजधानी के पुराने वार्डों में इस बार प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। पुराने वार्डोंं में कई ऐसी समस्याएं हैं, जिन्हें पिछले पांच साल में दूर नहीं किया जा सका है। जो नए प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरेंगे, उनकी ओर से उन्हीं मुद्दों को जनता के सामने रखा जाएगा। इसके साथ ही जनता को विश्वास भी दिलाया जाएगा कि अगर वो जीत दर्ज करते हैं तो उनकी ओर से उक्त सभी समस्याओं का निस्तारण कराया जाएगा।