लखनऊ (ब्यूरो)। निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा के दिन नजदीक आ रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए संभावित प्रत्याशियों की ओर से जनसंपर्क शुरू कर दिया गया है। जो पहली बार प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैैं, उनका फोकस वोट बैैंक मजबूत करने पर है, जबकि पुराने प्रत्याशी नए-नए इलाकों में जाकर अपने समर्थकों की संख्या बढ़ा रहे हैैं।

अगले माह चुनाव की संभावना

मेयर और वार्डों में सीट आरक्षण की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है और पूरी संभावना है कि अगले माह निकाय चुनाव हो सकते हैैं। ऐसे में एक तरफ प्रत्याशियों की ओर से वोट बैैंक मजबूत किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ टिकट के लिए भी पार्टी कार्यालयों के चक्कर लगाना शुरू कर दिया गया है। प्रत्याशी जानते हैैं कि बड़ी पार्टियों से टिकट मिलना आसान नहीं है। ऐसे में वो पार्टी के बड़े पदाधिकारियों से संपर्क कर रहे हैैं।

चुनौती तो है

वार्डों से जो पुराने प्रत्याशी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैैं, वे अपने पुराने मतदाताओं के साथ नए लोगों का साथ लेना चाह रहे हैं, वहीं जो पहली बार चुनावी मैदान में उतर रहे हैैं, उनके लिए वोटर्स को रिझाना आसान नहीं है। एक तो उनका चेहरा नया है और दूसरा नए परिसीमन के कारण उनके वार्ड का क्षेत्र बढ़ गया है, ऐसे में उनके सामने हर एक वोटर तक पहुंचना खासा चुनौती भरा काम है।

महिला प्रत्याशी एक्शन मोड में

जिन वार्डों में पहली बार महिला सीट हुई है, वहां इस बार रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है। जिन वार्डों में दोबारा महिला सीट हुई है, वहां से पुरानी प्रत्याशी ही दम दिखाती हुई नजर आएंगी। दो से तीन सीटें ऐसी भी हैैं, जहां से वर्तमान पार्षदों के ही दोबारा जीतने की उम्मीद है।

मेयर सीट पर भी नजर

राजधानी की मेयर सीट महिला आरक्षित कर दी गई है। ऐसे में कई दिग्गजों ने इस सीट पर अपना फोकस करना शुरू कर दिया है। कोई अपनी पत्नी को दावेदार के रूप में उतरने की तैयारी कर रहा है तो कोई अपनी मां को। जब तक टिकट संंबंधी तस्वीर साफ नहीं हो जाती, तब तक यह कहना मुश्किल है कि कौन महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरेंगी।

नए वार्डों में कड़ी टक्कर

नगर निगम में जो नए वार्ड बने हैैं, उनमें प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। इसकी वजह यह है कि यहां पर सभी प्रत्याशी नए होंगे और उनमें भी ज्यादातर महिला प्रत्याशी होंगी।