लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी कोआपरेटिव बैंक (यूपीसीबी) मुख्यालय के सात अकाउंट्स से एक अरब 46 करोड़ रुपये के गबन मामले में गाज गिरनी शुरू हो गई है। मंगलवार को बैंक प्रबंधक समेत चार कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं 1 अरब 16 करोड़ की रकम को अलग-अलग बैैंक अकाउंट्स में फ्रीज कर दिया गया। डीआईजी साइबर क्राइम एन कोलांची ने मुख्यायल पहुंच कर मामले की जांच पड़ताल की। उन्होंने घटना में एक पूर्व कर्मचारी समेत कुछ और लोगों का हाथ होने की बात कही। पूरे मामले की तफ्तीश की जा रही है।

बैंक प्रबंधन की लापरवाही से हुई घटना

महाप्रबंधक वीएन मिश्र के मुताबिक, बैंक के 1 अरब 46 करोड़ रुपये सात अलग-अलग कंपनियों के खातों से ट्रांसफर किए गए थे। जिसमें से बैंकों के खातों में गए 74 करोड़ सीज कर दिए गए। वहीं एचडीएफसी और आईसीआईसीआई के खाते में गए 72 करोड़ रुपये के लिए संबंधित बैंक के खातों को फ्रीज करा दिया गया है। शुरुआती जांच में लापरवाही के चलते प्रबंधक मेवालाल, कैशियर विकास कुमार पांडेय, सहायक प्रबंधक अजय कुमार और गार्ड अजय कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। पूरे मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए गए है।

बैंक प्रबंधक और कैशियर की आईडी से ट्रांसफर

बैंक प्रबंधन के मुताबिक, 15 अक्टूबर को दोपहर तीन बजे जिला सहकारी बैंकों के सात खातों से आठ बार में 1 अरब 46 करोड़ रुपये गलत तरीके से ट्रांसफर हुए। जिसमें 72 करोड़ रुपये आईसीआईसीआई और एचडीएफसी के एनएफटी अकाउंट के खातों में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर हुए। इसे बैंक कर्मचारी विकास पांडेय और प्रबंधक मेवालाल की आईडी से भेजा गया। हालांकि, इन लोगों ने इस तरह से पैसे के लेनदेन से इंकार किया।

पूर्व प्रबंधक पर शक, आया था मुख्यालय

बैंक प्रबंधक की जांच के मुताबिक, 15 अक्टूबर को सुबह 8.30 बजे से 9.30 बजे के बीच बैंक के पूर्व प्रबंधक इंदिरानगर निवासी आरएस दुबे एक साथी के साथ आए थे, जिनको गार्ड शैलेंद्र ने रोका भी था। इस पर उन्होंने बैंक मुख्यालय के 8वें तल स्थित एनएडी अनुभाग में आने की बात कही। घटना की जानकारी के बाद सीसीटीवी फुटेज चेक करने पर इन लोगों को कंप्यूटर विभाग में जाते और पीसी को ऑन कर छेड़छाड़ करता हुआ पाया गया।

शनिवार शाम को हुई जानकारी

हजरतगंज में डीएम आवास के पास स्थित सहकारी बैंक के खाते से जालसाजों ने करीब 1 अरब 46 करोड़ रुपये उड़ा दिए। मामले की जानकारी होते ही बैंक में हड़कंप मच गया। शनिवार शाम बैंक अधिकारियों को पता चला कि बैंक की यह रकम सात खातों में भेजी गई है। जिसके बाद अधिकारियों ने जांच की और हजरतगंज साइबर क्राइम सेल में संपर्क किया था। जहां से मामला साइबर मुख्यालय के लिए ट्रांसफर कर दिया गया। सोमवार को बैंक अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज किया गया। साइबर एक्सपर्ट के साथ एसटीएफ की टीम ने भी जांच शुरू कर दी।

बैंक के गार्ड को दिखे थे संदिग्ध

बैंक अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार को गार्ड को बैंक में कुछ संदिग्ध गतिविधियां दिखी थीं, जिसके बाद जांच में साइबर ठगी की बात सामने आई। साइबर टीम के मुताबिक, घटना की जानकारी के बाद बैंक की सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। साथ ही बैंक खातों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है।