- प्रमुख सचिव गृह ने बुलाई कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक

- बदमाशों के लिए सॉफ्ट टारगेट बनती जा रही यूपी पुलिस

LUCKNOW: महज 21 दिन के भीतर चार जाबांज पुलिस अफसरों की मौत ने पुलिस महकमे को आत्ममंथन पर मजबूर कर दिया है। सूबे की कानून-व्यवस्था को लेकर उठ रहे सवालों से जूझ रही पुलिस के लिए बदमाशों ने नयी चुनौती पेश की है। कहना गलत न होगा कि यूपी पुलिस बदमाशों के लिए सॉफ्ट टारगेट बन चुकी है। यही वजह है कि पिछले चार सालों के दौरान पुलिस विभाग को अपने कई अफसरों और कर्मचारियों से हाथ धोना पड़ा।

तीन सौ हमलावर पकड़ से दूर

लगातार पुलिस पर हमले की बढ़ रही वारदातों के बाद अफसरों ने इस बारे में समीक्षा शुरू कर दी है। आश्चर्य की बात यह है कि हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात करने के बावजूद जनवरी से मई माह तक ही पुलिस पर हमला करने वाले करीब तीन सौ हमलावर अभी छुट्टा घूम रहे हैं। आईजी कानून-व्यवस्था हरीराम शर्मा का कहना है कि इनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं और इनमें कुछ की गिरफ्तारी हुई है। उन्होंने बताया कि एक जनवरी से 31 मई तक पुलिस पर हमले के 89 अभियोग दर्ज हैं जिनमें 129 लोग घायल हुए और चार की मौत हुई। इसमें कुल 917 अभियुक्तों को आरोपित किया गया और 106 के नाम प्रकाश में आए। इस तरह 1023 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गयी। 491 गिरफ्तार हुए और 181 अदालत में समर्पण किए। इसमें 82 लोगों के खिलाफ गलत नामजदगी थी। अब करीब तीन सौ आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है। वहीं 18 हमलावरों पर गैंगस्टर एक्ट और 70 के खिलाफ गुंडा एक्ट लगाया गया है।

जून में 4 पुलिस अफसरों की हत्या

जनवरी से मई माह तक चार पुलिसकर्मियों की जान गयी लेकिन अकेले जून माह में चार पुलिस अफसरों की जान गयी। इनमें मथुरा के एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और थानाध्यक्ष संतोष यादव, बदायूं में दारोगा सर्वेश यादव और हापुड़ में दारोगा सुखवीर सिंह की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चारों को पचास लाख रूपये की आर्थिक सहायता, असाधारण पेंशन व एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।

28 जुलाई को कानून-व्यवस्था की समीक्षा

प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा 28 जुलाई को एनेक्सी के कमांड सेंटर से प्रदेश भर के आईजी जोन, डीआईजी रेंज, कमिश्नर, डीएम और एसपी-एसएसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कानून-व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। इसमें पुलिस पर हो रहे हमलों का मामला भी उठना तय है। आईजी कानून-व्यवस्था हरीराम शर्मा के अनुसार आने वाले त्यौहारों को सकुशल संपन्न कराने के साथ ही शांति-व्यवस्था बनाये रखने पर उनका जोर होगा। इस समीक्षा में डीजीपी जावीद अहमद, एडीजी कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी, एडीजी रेलवे, एडीजी यातायात समेत कई प्रमुख अधिकारी मौजूद रहेंगे।