लखनऊ (ब्यूरो)। जालसाजों ने दिल्ली में तैनात एक फौजी की बेटी के न केवल सपने लूटे बल्कि उसकी मेहनत की कमाई भी उड़ा ले गए। मूलरूप से पश्चिम बंगाल के फौजी इस वक्त दिल्ली कैंट में तैनात हैं और बेटी को डॉक्टर बनाने की चाहत में जालसाजों के चक्कर मेें फंस गए। वह करीब 20 लाख रुपये की ठगी का शिकार हो गए। लखनऊ पुलिस से उन्होंंने मदद मांगी तो जालसाज पुलिस के हत्थे चढ़ गए।

25 लाख में सरकारी कॉलेज की सीट

पश्चिम बंगाल के रहने वाले बिमान बिहारी डे सेना में तैनात हैं। मौजूदा समय में दिल्ली के कैंट इलाके में परिवार संग रहते हैं। उनके अनुसार, उनकी बेटी पल्लवी ने जुलाई 2022 में नीट की परीक्षा दी थी। परीक्षा के बाद उनकी दो राउंड काउंसलिंग भी हुई, पर पल्लवी को सीट नहीं मिली। इस बीच सौरभ और रजक राहुल नाम के दो लोगों ने उनसे संपर्क किया और बताया कि वे उनकी बेटी को सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिला सकते हैं। इसके एवज में दोनों ने पीडि़त से 25 लाख रुपये की डिमांड की।

फर्जी डॉक्टर से करवाई मुलाकात

बातों के जाल में फंसाकर जालसाजों ने पीडि़त से 22 नवंबर को रजिस्ट्रेशन और डॉक्यूमेंटेशन के नाम पर 10 हजार रुपये आनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। 4 दिसंबर को जालसाज सौरभ ने उनको फोन किया और बताया कि उनकी बेटी का यूपी के बांदा स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला हो गया है। जालसाजों ने पीडि़त को लखनऊ बुलाया। पीडि़त बेटी को लेकर लखनऊ पहुंचा और फिर सौरभ उनको अपने साथ बांदा स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज ले गया। वहां पर सौरभ ने अनिल नाम के एक व्यक्ति से मुलाकात कराई और अनिल को मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टर बताया। अनिल ने सौरभ को एक लिफाफा दिया और पल्लवी के साइन करा कर लाने की बात कही।

एक साइन कराके 8 लाख फिर ठगे

सौरभ, पल्लवी और उसके पिता को कॉलेज के बाहर ले गया। वहां पर एक फार्म पर साइन करने के साथ ही 15 लाख रुपये की डिमांड की। पीडि़त ने 7 लाख रुपये कैश और 1.40 लाख रुपये का डीडी सौरभ को दे दिया। रुपये मिलने के बाद सौरभ ने तीन से चार दिन के अंदर पल्लवी का ज्वाइनिंग लेटर आने की बात कही। इसके बाद पीडि़त को किसी दूसरे माध्यम से पता चला कि कथित डॉक्टर अनिल बांदा कॉलेज में डॉक्टर नहीं बल्कि लैब में तैनात है। इसके बाद पीडि़त ने सौरभ, रजक और अनिल से फोन पर संपर्क करते हुए अपने रुपये वापस मांगे। काफी दवाब डालने पर सौरभ ने महज 25 हजार रुपये ही लौटाए।

10 लाख और दो तो मिलेगा एडमिशन

रुपये वापस करने के बजाए आरोपी ने 10 लाख रुपये की और मांग करते हुए पल्लवी का कानपुर और लखनऊ में दाखिला दिलाने की बात कही। इस पर पीडि़त ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया और बकाया रुपये मांगे। इस पर आरोपी टालमटोल करने लगे। अपने साथ हुई ठगी के मामले में पीडि़त ने डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक से मिलकर शिकायत की। डीसीपी के आदेश पर फिलहाल हुसैनगंज पुलिस ने तीनों जालसाजों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।