लखनऊ (ब्यूरो)। एसटीएफ को काफी समय से मल्टीलेवल मार्केटिंग के जरिये लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले संगठित गिरोह की शिकायतें मिल रही थीं। जिसके बाद पुलिस उपाधीक्षक लाल प्रताप सिंह की टीम ने इस पर काम शुरू किया। जांच में सामने आया कि हैलोराइड लिमिटेड, इनफिनिटी वल्र्ड इंफ्रावेंचर लिमिटेड व ओजोन इनफिनिटी वल्र्ड एग्रो प्रोड्यूसर लिमिटेड नाम की कंपनियां बनाकर लोगों को प्लॉट देने के लिए किस्तें जमा कराई जा रही थीं। इन कंपनियों की डायरेक्टर व मास्टरमाइंड पर लखनऊ समेत अलग-अलग जिलों में 23 केस दर्ज हैं। ये वर्ष 2019 से फरार चल रही है।

सस्ते प्लॉट के नाम पर किस्त

शनिवार को टीम को आरोपी के मानकनगर में होने की सूचना मिली। जिसके बाद एसटीएफ और ईओडब्ल्यू की ज्वाइंट टीम ने ओके मैरिज लॉन के पीछे बहादुरखेड़ा से दबोचा। पूछताछ में नीलम ने बताया कि वर्ष 2013 में अभय कुशवाहा ने इनफिनिटी वल्र्ड इंफ्रावेंचर लिमिटेड कंपनी बनायी। कंपनी रियल इस्टेट का काम करती थी। इसमें सस्ते प्लॉट देने के नाम पर किस्त में पैसा जमा किया जाता था। इसमें वह और अभय डायरेक्टर थेे, जबकि राजेश पांडेय, निखिल कुशवाहा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान थे।

पैसा डबल करने का लालच

नीलम वर्मा ने पूछताछ में कहा कि वर्ष 2017 मे ओजोन इनफिनिटी वल्र्ड एग्रो प्रोड्यूसर लि। नाम की कंपनी बनाई। इसमें वह और अभय कुशवाहा, राजेश पांडेय, निखिल कुशवाहा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान डायरेक्टर थे। यह कंपनी कम समय मे पैसा डबल करने करने का लालच देकर लोगों से पैसा जमा कराती थी।

हर महीने पैसा देने का वादा

साल 2018 में हैलोराइड लि। नामक कंपनी शुरू की। इसमें वह और अभय, राजेश, निखिल, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान डायरेक्टर थे। इसका ऑफिस साइबर हाइट्स विभूति खंड में था। कंपनी में बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर ग्राहकों से 61 हजार रुपये जमा कराया जाता था और उसके एवज में 12 महीने तक 9,582 रुपये देने का वादा करती थी। इसके लिए सात टीमें बनाई गईं, जिसमें करीब 150 वर्कर थे। इनको 15 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। इसमें नीलम का काम एग्रीमेंट करने का था। जब इसमें 100 करोड़ जमा हो गए तो ग्राहकों को पेमेंट देना बंद कर दिया गया,

आरोपियों पर सैकड़ों केस दर्ज

इस संबंध में शिकायत विभूतिखंड थाना पहुंची तो केस दर्जकर आरोपी अभय कुशवाहा को मार्च 2019 में जेल भेज दिया गया। साल 2019 से लेकर अबतक कंपनी व सभी आरोपियों पर अलग-अलग थानों में सैकड़ों केस दर्ज हो गए। इसके बाद से नीलम वर्मा फरार थी। उस पर 25 हजार का इनाम रखा गया। जांच में सामने आया कि इस दौरान कंपनी के आफिस लखनऊ, फतेहपुर, नोएडा, मुजफ्फरपुर (बिहार), मोहाली, पठानकोट, जीरकपुर (पंजाब), आदि जगह थे। वहीं, निखिल कुशवाहा, मो। आजम अली व राजेश पांडेय को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।