बाल गृह बालिका में दो संवासिनी के गर्भवती होने का मामला सामने आया था

- अधीक्षिका को किया गया था सस्पेंड, पहले भी भाग चुकी संवासिनी

LUCKNOW : करीब तीन साल पहले मुजफ्फरपुर के बाद देवरिया में सामने आए बालिका गृह यौन शोषण के मामले की लपट राजधानी के राजकीय बाल गृह बालिका तक भी पहुंची थी। लखनऊ के बालिका गृहों की बात करें तो यहां की लड़कियों ने अनियमितताओं के आरोप लगाये थे। संप्रेक्षण गृहों में जुल्म और शोषण के कई मामले भी सामने आ चुके हैं। पहले भी विवादों के घेर में छाया रहा और लापरवाही के मामले में कई जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का भी हुई थी।

पहले भी चार लड़कियां भागी थी

राजकीय बालगृह (बालिका) मोती नगर में दिसंबर 2017 से दो लड़कियां भाग निकली थीं। मामले में पुलिस को सूचना देर से दी गई थी। वहीं अक्टूबर 2017 में भी दो लड़कियां भाग गईं थीं, इन्हें भी आज तक तलाशा नहीं जा सका। दोनों ही मामलों में लड़कियों के भागने को संदेहास्पद माना जा रहा है क्योंकि बाल गृह स्टाफ ने पुलिस को देर से सूचित किया।

हुई थी कार्रवाई

तीन साल पहले बरेली के राजकीय बालगृह से दो संवासिनी ट्रांसफर राजकीय बालगृह मोतीनगर आई थी। कुछ माह बाद उनकी एक अस्पताल में जांच कराई गई थी तो दोनों युवतियां गर्भवती मिली थीं। मामले में काफी हंगामा भी हुआ था और अधीक्षिका पर कार्रवाई हुई थी।

नहीं मिलता है जरूरत का सामान

2016 में उप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष जूही सिंह व सदस्यों ने यहां छापा मारा। इसमें सामने आया कि यहां का स्टाफ लड़कियों के लिए आने वाली रोजमर्रा की जरूरत की चीजों से लेकर खाने-पीने की वस्तुओं तक को अपने घर ले जाता है। हालांकि उससे बाद जिला प्रशासन ने सख्त रूख अपनाया था और इसके लिए निगरानी कमेटी भी बनाई गई थी।