- लोग सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निगरानी रखने से हैं सहमत

LUCKNOW : सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। अब नेटफ्लिक्स, अमेजन जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म हों या फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सबके लिए सख्त नियम बन गए हैं। नए दिशा निर्देशों के अनुसार शिकायत के 24 घंटे के अंदर इंटरनेट से आपत्तिजनक कंटेंट हटाना होगा। इसके अलावा कंपनियों को एक शिकायत निवारण टीम को रखना होगा और शिकायतों का निपटारा करने वाले ऑफिसर को भी रखना होगा। सरकार तीन महीने में डिजिटल कंटेंट को नियमित करने वाला कानून लागू करने की तैयारी में है। लोग भी मानते हैं कि सोशल मीडिया से समाज को दूषित करने वाली हरकतों और नफरत फैलाने वालों पर नकेल कसने के लिए यह बेहद जरूरी था

कई लोग करते हैं मिस यूज

सोशल मीडिया पर कई बार लोग अपनी ओपिनियन शेयर करते समय इसका मिस यूज करते हैं। कई बार बेहद आपत्तिजनक कमेंट भी किए जाते हैं। इन्हें रोकने के लिए सख्ती बहुत जरूरी है। सोशल मीडिया पर ऐसा कुछ न करें जिससे लोगों की भावनाएं आहत हों और देश और समाज का माहौल बिगड़े। सरकार का यह कदम इन सब चीजों पर विराम लगाने का काम करेगा। यह एक अच्छा फैसला है।

उपासना, सोशल वर्कर

जरूरी थे दिशा-निर्देश

समाज में रहने का भी एक नियम है, जिसका पालन करना जरूरी है। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कुछ लोगों को जानबूझकर टारगेट किया गया। कई बार ऐसा होता है कि देश के विरोध में भी कुछ कमेंट आते हैं और ट्रैंड होने लगते हैं। इन्हें रोकने के लिए यह कदम जरूरी हो गया था। इससे निजता का हनन नहीं होगा। ओटीटी पर आजकल जिस तरह की मूवी आ रही हैं, उन पर भी नजर रखना बेहद जरूरी हो गया था।

अजीत प्रताप सिंह

अशांति और भ्रम न फैलाएं

सरकार ने ओटीटी, सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया के लिए कोड ऑफ एथिक्स जारी किए हैं। अब लोग इस प्लेटफॉर्म से भ्रम और अशांति फैलाने का काम नहीं कर सकेंगे। इस सराहनीय फैसले के लिए सरकार को साधुवाद। यह कदम पहले ही उठा लिया जाना चाहिए था। अब इंटरनेट की दुनिया पर नजर रखी जा सकेगी और इसका दुरुपयोग करने वालों को चिंहित कर उन पर एक्शन लिया जा सकेगा।

प्रवीण उपाध्याय

नियम और निर्देश हैं जरूरी

सोशल मीडिया के लिए नियम और निर्देश जरूरी हैं। सोशल मीडिया पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर कई लोगों को गुमराह किया जा रहा है, यह सोशल मीडिया का मिस यूज है। यह मंच अपने विचार रखने का है, ना कि नफरत फैलाने का। युवा पीढ़ी आज पूरी तरह सोशल मीडिया से जुड़ी है उसे गुमराह होने से बचाने के लिए सरकार ने एक अच्छी पहल शुरू की है। हम सबको इसका साथ देना चाहिए।

प्रशांत श्रीवास्तव

दुरुपयोग रोकने की थी जरूरत

'अभिव्यक्ति की आजादी' के नाम पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व ओटीटी का दुरुपयोग रोकने की सख्त जरूरत थी। इससे गलत तरीके से देश और समाज केखिलाफ भड़काने वालों पर अब नजर रखी जा सकती है। यह सरकार का एक सराहनीय फैसला है, जिससे जो सही में सोशल मीडिया पर रियल बदें हैं, उन्हें आगे बढ़ने का शानदार मौका मिलेगा। इस कदम से समाज में नफरत फैलाने वालों पर रोक लगेगी।

रवि कुमार