लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में रविवार देर रात लगातार हुई झमाझम बारिश के कारण एक बार फिर मोहल्लों की गलियों से लेकर मुख्य मार्गों और अपार्टमेंट्स के बेसमेंट तक में जलप्रलय देखने को मिली। 1090 चौराहा समेत कई स्थानों पर रोड धंसने से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गईं। रही सही कसर डिरेल हुई बिजली व्यवस्था ने पूरी कर दी। वहीं, हालात बिगड़ते देख महापौर सुषमा खर्कवाल, मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब, डीएम सूर्यपाल गंगवार, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने मोर्चा संभाला और जलभराव से प्रभावित एरियाज का निरीक्षण कर जलनिकासी के इंतजाम कराए। इसके साथ ही लोगों की सुविधा के लिए आनन-फानन में हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए।

फिर दावों की खुली पोल

नगर निगम प्रशासन की ओर से हर बार बारिश के बाद होने वाले जलभराव की समस्या से निपटने के लिए कार्ययोजना तो बनाई जाती है लेकिन गुजरते वक्त के साथ सारी योजनाएं कागजों में ही सिमट कर रह जाती हैैं। जिसका परिणाम यह होता है कि बारिश होने पर जनता को जलभराव का सामना करना पड़ता है। रविवार रात शुरू हुई झमाझम बारिश के बाद भी राजधानी के इलाकों में जलभराव की समस्या देखने को मिली।

दो-दो फुट तक भरा पानी

घनी आबादी वाले इलाके हों या पॉश एरियाज, लगभग सभी जगह जलभराव की समस्या देखने को मिली। जैसे-जैसे बारिश ने जोर पकड़ा, गलियों से लेकर प्रमुख मार्ग तक जलमग्न हो गए। इसी तरह एलडीए के सृष्टि अपार्टमेंट और सोपान एंक्लेव समेत कई अन्य अपार्टमेंट्स के बेसमेंट में पानी भर गया। जिसकी वजह से आवंटियों की मुश्किलें भी बढ़ गईं। पहले भी बेसमेंट में पानी भरने की समस्या सामने आ चुकी है, पर इसके स्थाई समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

ये इलाके रहे प्रभावित

विराज खंड, विराम खंड, फैजाबाद रोड स्थित दयाल रेजीडेंसी कॉलोनी, आशियाना, राजाजीपुरम, मुंशी पुलिया सर्विस लेन, तकरोही, ऐशबाग, चौक, अमीनाबाद, अलीगंज, जानकीपुरम के कई सेक्टर्स, फैजुल्लागंज के आधा दर्जन से अधिक एरियाज, तेलीबाग, उतरेठिया, लोहिया और सिविल अस्पताल के सामने, होटल ताज की मोड़ गोमतीनगर, सरोजनीनगर, आदर्शनगर, लालकुआं, लालबाग इत्यादि।

यहां धंसी रोड

एक तरफ जहां जलभराव ने लोगों को घरों में कैद कर दिया, वहीं दूसरी तरफ कई प्वाइंट्स पर रोड धंसने की भी तस्वीर सामने आई। जिसमें मुख्य रूप से 1090 चौराहे के पास रोड धंसना शामिल रहा। राजेंद्रनगर स्थित जनकपुरी कॉलोनी में ट्रैक्टर ट्रॉली रोड धंसने से हुए गड्ढे में फंस गई। इसी तरह इंदिरानगर सेक्टर 19 में भी रोड साइड गड्ढा हो गया। जिसकी वजह से वहां से गुजरने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

यहां गिरे मकान और दीवार

बारिश की वजह से लखनऊ जनपद में मकानों के गिरने की भी सूचना सामने आई। ग्राम गोपरामऊ में एक कच्चा मकान गिर गया। इसी तरह जानकीपुरम स्थित सुलभ आवास सेक्टर जे की बाउंड्रीवॉल गिर गई। दोनों ही जगह कोई हताहत नहीं हुआ। वहीं, ग्राम गनियार तहसील मोहनलालगंज में मुख्य रास्ते पर पेड़ और बिजली का खंभा गिर गया। यहीं पर एक कच्चा मकान भी आंशिक रूप से गिर गया।

खोले गए गोमती बैराज के गेट

जानकीपुरम समेत कई इलाकों में पंप लगाकर बारिश के जमा हुए पानी को निकाला गया, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली। इस्माइलगंज सेकंड वार्ड समेत आधा दर्जन से अधिक प्वाइंट्स पर पंप लगवाए गए, जिससे जनता को जलभराव की समस्या से राहत मिली। वहीं दूसरी तरफ, गोमती बैराज के गेट भी खोल दिए गए। जिससे ड्रेनेज सिस्टम से जुड़ी कॉलोनियों में भरा पानी निकलने में आसानी हुई। हालांकि, जहां ड्रेनेज सिस्टम नहीं था, वहां के लोगों की समस्या बरकरार रही।

इस वजह से हुआ जलभराव

1-नालों की सफाई-निगम प्रशासन की ओर से बड़े नालों से लेकर मध्यम और छोटे नालों की सफाई तो कराई गई लेकिन कई नालों में तलहटी तक सफाई नहीं हुई। जिसकी वजह से पुराने लखनऊ एरिया में जलभराव की समस्या सामने आई।

2-अतिक्रमण-बारिश के बाद होने वाले जलभराव की एक प्रमुख वजह नाले-नालियों पर किया गया अतिक्रमण भी शामिल है। गली-मोहल्लों में लोगों ने नाले-नालियों पर मकान या रैैंप बनवा लिए हैैं। इसकी वजह से बारिश का पानी फ्लो नहीं कर पाता है और रोड पर भर जाता है। जिसका खामियाजा जनता को ही भुगतना पड़ता है। निगम प्रशासन की बार-बार अपील और नोटिस दिए जाने के बाद भी लोग बेधड़क नाले-नालियों पर कब्जा कर रहे हैैं।

3-सीवरेज से नालियां कनेक्ट होना-जलभराव की एक प्रमुख वजह सीवरेज से नालियों का कनेक्ट होना है। घरों की नालियों के सीवरेज में कनेक्ट होने से सीवरेज भी चोक हो जाते हैैं। जिसकी वजह से बारिश का पानी फ्लो नहीं कर पाता है। परिणामस्वरूप गलियों और प्रमुख मार्गों पर पानी भर जाता है।

4-जलनिकासी की व्यवस्था-राजधानी में कई ऐसी कॉलोनियां हैैं, जहां जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। इसकी वजह से बारिश का पानी कॉलोनियों में भर जाता है और लोगों को परेशान होना पड़ता है। स्थानीय लोगों की ओर से कई बार जलनिकासी की व्यवस्था किए जाने की मांग की जा चुकी है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।

सरकारी तंत्र ने झोंकी ताकत

जलभराव की समस्या बढ़ते ही महापौर सुषमा खर्कवाल, मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब, डीएम सूर्यपाल गंगवार और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कमान संभाली और जलभराव प्वाइंट्स पर जाकर निरीक्षण किया साथ ही जलनिकासी के इंतजाम कराए। अधिकारियों ने पंपिंग स्टेशंस का भी निरीक्षण किया, जहां सभी स्टेशंस सुचारू रूप से कार्य करते मिले। महापौर के निर्देश पर कई स्थानों पर रोड किनारे लगे वेस्ट को भी उठवाया गया, जिससे जलभराव से निजात मिली।

जिन इलाकों में जलभराव की समस्या सामने आई है, वहां पर राहत कार्य शुरू करा दिया गया है और जलनिकासी के प्रयास कराए जा रहे हैैं। देखने में आया है कि नालियों पर कब्जा किए जाने या रैैंप इत्यादि बनाए जाने से जलभराव की समस्या गंभीर हुई है। सभी से अपील है कि नाले-नालियों पर रैैंप निर्माण या कोई भी पक्के निर्माण न कराएं।

सूर्यपाल गंगवार, डीएम