लखनऊ ब्यूरो: दारूल इफ्ता वल कजा दारूल उलूम फरंगी महल के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने अपने बयान में कहा कि इस्लामी शरीअत के साफ और खुला आदेश है कि वह ईमान वाले जिनको उनके खालिक व मालिक ने माल व दौलत से नवाजा है। वह आर्थिक तौर पर कमजोर, जरूरतमंद और गरीब बंदों की हर मुमकिन सहायता करें। मालदार मुसलमानों पर हर साल जकात, सदका फित्र और कुर्बानी के आदेश इस बात का खुला हुआ सुबूत हैं।

फित्र एक वाजिब सदका
मौलाना ने आगे कहा कि सदका फित्र अदा करने का हुक्म इस्लामी शरीअत ने इस लिए दिया है कि जिन खुशकिस्मत मुसलमानों ने रमजान माह के रोजों को पूरा कर लिया है। वह ईद की नमाज से पहले गरीब मुसलमानों की मदद करें, ताकि वह ईद की खुशियों में शरीक हो सकें। फित्र एक वाजिब सदका है। यह उस मुसलमान पर वाजिब होता है, जो निसाब का मालिक हो चाहे वह मुसाफिर हो या मुकीम, औरत, मर्द या नाबालिग हो या बालिग।

सदका फित्र अदा करें
मौलाना ने आगे बताया कि हदीस शरीफ में खुजूर, किशमिश, गेहूं, आटा, जौ और दही या पनीर से सद्का फित्र निकालने का हुक्म है। इस लिए जो लोग खुजूर, जौ और किशमिश में से सदका फित्र अदा करें तो वह इन चीजों में से किसी एक चीज सा साढ़े तीन किलो या उसकी कीमत दे दें। जो हजरात गेहूं से सदका अदा करें तो वह एक किलो पांच सौ नब्बे ग्राम या उसकी कीमत कम से कम पचास रुपये प्रति व्यक्ति अदा करेंं।

रमजान हेल्पलाइन

सुन्नी सवाल-जवाब
सवाल: बीमारी की वजह से गत रमजान के कुछ रोजे छूट गए थे, तो क्या अब इस रमजान के बाद उसकी कजा कर सकते हैं।
जवाब : जी हां, कर सकते हैं।


सवाल : सद्का फित्र किस पर वाजिब है।
जवाब : जो शख्स निसाब का मालिक हो उस पर वाजिब है।


सवाल : क्या रोजे की हालत में ब्लड टेस्ट करा सकते हैं।
जवाब : जी हां, करा सकते हैं।


सवाल : क्या रोजे की हालत में एक मां अपने बच्चे को दूध पिला सकती है।
जवाब : जी हां, पिला सकती है।


सवाल : दहेज में देने के लिए जो जेवर बनवा रखा है किया उस पर भी जकात वाजिब है।
जवाब : जी हां, उस पर भी जकात वाजिब है।

शिया सवाल-जवाब
सवाल : क्या मर्द के लिए सोना पहनना नमाज में हराम है।
जवाब: मर्द के लिए सोना पहन कर नमाज पढऩा और नमाज के अलावा तमाम समय में हराम है।


सवाल : अगर कोई रोजेदार महिला रोजा रख कर किसी ना महरम व्यक्ति के साथ सफर करती है तो क्या उसका रोजा टूट जाएगा।
जवाब : ना महरम व्यक्ति के साथ सफर करने से रोजा नहीं टूटेगा।


सवाल : अगर नमाज मस्जिद में जमाअत से हो रही है और उसमें इमाम से पहले मामूम ने तकबीर भेज दी तो क्या उसकी नमाज सही होगी।
जवाब : अगर इमाम से पहले कोई तकबीर भेज देता है तो नमाज सही नहीं होगी।


सवाल : कुरान मजीद में वाजिब सजदे कितने है और सजदे के लिए वुजू जरूरी है।
जवाब : कुरान मजीद में वाजिब सजदे चार सूरो में है। सूरह नजम, सूरह अलक, सूरह हामिम सजदा, सूरह फुस्सेलत। और इसमे वुजू शर्त नहीं है।


सवाल : इस्लाम में गीबत यानी किसी की बुराई करना के लिए क्या हुक्म है।
जवाब : इस्लाम में गीबत करना यानी किसी की बुराई करना बहुत बड़ा गुनाह है। और रवायात में आया है कि जो इंसान गीबत करता है गोया उसने अपने मरे हुए भाई का गोश्त खाया।