लखनऊ (ब्यूरो)। फीमेल्स के जेनेटिल एरिया में होने वाले कैंडिअल वल्वोवजानिटिस या यीस्ट इंफेक्शन का सबसे सुरक्षित इलाज खोजा गया है। शहर के सीएसआईआर-नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआईर्) ने फाइटो वी जेल बनाया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस उत्पाद के इस्तेमाल से महिलाओं में होने वाले इंफेक्शन को हर्बल व सुरक्षित तरीके से खत्म किया जा सकता है। संस्थान के निदेशक डॉ। अजीत शासनी ने बताया कि उत्पाद को हाल ही में हुए 'वन वीक वन लैब' प्रोग्राम में रिलीज किया गया है। उनका कहना है कि महिलाओं के इंटीमेट एरिया में होने वाला यह सबसे कॉमन इंफेक्शन है, लेकिन बाजार में सुरक्षित विकल्प मौजूद नहीं हैं। ऐसे में संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक हर्बल उत्पाद बनाया है। उनका कहना है कि जल्द ही संस्थान केजीएमयू के साथ मिलकर इसका क्लीनिकल ट्रायल करने जा रहा है।

कैंडिडा एल्बीकेंस है संक्रमण की मुख्य वजह

संस्थान के वैज्ञानिक डॉ। एनबी सिंह ने बताया कि वल्वोवजाइनल कैंडिडिआसिस फीमेल्स के जेनेटिल्स में होने वाला यीस्ट इंफेक्शन है। यह कैंडिडा एल्बीकेंस के कारण होता है। अनहाईजीन और एंटीबायोटिक्स का ज्यादा इस्तेमाल करने से इंटीमेट एरिया में खुजली, सूजन, जलन और रेडनेस वगैरह की समस्या आ जाती है। बार-बार इंफेक्शन होने से फीमेल्स में यूटीआई की प्रॉब्लम भी होने लगती है। अमूमन डॉक्टर्स इसके इलाज के लिए ओरल मेडिसिन या क्रीम वगैरह लगाने को देते हैं। इसका बहुत ब्रॉड प्रभाव होता है, जिससे इंटीमेट एरिया के अच्छे माइक्रोब्स भी प्रभावित होते हैं और वहां का पीएच बैलेंस बिगड़ जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह उत्पाद तैयार किया गया है। यह टारगेट बेस सॉल्यूशन है, जो सिर्फ इंफेक्शन को खत्म करता है। इंटीमेट एरिया के माइक्रोब्स को डिस्टर्ब नहीं करता। बाजारों में मिलने वाले उत्पादों की तुलना में यह हर्बल उत्पाद है और जेल फॉर्म में है। साथ ही यह केवल कैंडिडा एल्बीकेंस को ही मारता है। इससे बार-बार इंफेक्शन होने का खतरा भी नहीं है। साथ ही जेल एंटीइंफ्लेमेशन भी है।

चार साल से चल रहा था काम

डॉ। सिंह ने बताया कि चार साल से इस पर शोध चल रहा है। केजीएमयू के साथ क्लीनिकल ट्रायल प्रक्रिया में है। जल्द ही इसका क्लीनिकल ट्रायल कर इसका तकनीकी हस्तांतरण किया जाएगा। जेल बनाने में डॉ। सिंह के साथ डॉ। सीएचवी राव भी शामिल रहे।