लखनऊ (ब्यूरो)। शहर का ट्रैफिक सिस्टम कैसे राइट होगा जब चौराहों पर बनी जेब्रा क्रासिंग ही रॉन्ग है। मानक के विपरीत ऐसी जगहों पर जेब्रा क्रासिंग बना दी गई है, जिससे पब्लिक इसका यूज ही नहीं कर सकती है। शहर के कई चौराहों पर ऐसी जगह जेब्रा क्रासिंग बनी है, जहां उसके एक ओर ढाई से तीन फीट ऊंचे डिवाइडर बने हैं, ऐसे में लोग रोड के एक हिस्से में ही फंस जाते हैं और उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई व्यस्त चौराहों पर इस समस्या के कारण लोग जेब्रा क्रासिंग की जगह उसके आगे-पीछे से रोड क्रास करते हैं, जिससे हादसे होने का भी डर बना रहता है।

चंद जगहों पर ही सही

शहर में करीब डेढ़ सौ के आस-पास चौराहे व तिराहे बने हैं। इनमें विभाग ने खानापूर्ति के लिए केवल बड़े चौराहों पर ही पूरी जेब्रा क्रासिंग बनाई हुई है। कुछ चौराहे ही ऐसे हैं जहां लोग पैदल रोड पार करने के लिए जेब्रा क्रासिंग का यूज कर पाते हैं।

जेब्रा क्रासिंग के मानक

जेब्रा क्रासिंग से पहले रोड पर सफेद पट्टी आड़ी तिरछी बनी होती है, जो वाहनों को सीधा करने का संकेत देती है। इसके बाद पीले रंग की स्टॉप लाइन होती है, जो गाडिय़ों को यही रुकने का इशारा करती है। सफेद पट्टी में जेब्रा क्रासिंग का चिंह अंकित होता है, जहां से पैदल चलने वाले रोड क्रास करते हैं। जेब्रा क्रासिंग के चारों कोनों पर लोगों के खड़े होने की जगह होनी चाहिए, जिससे लोग ग्रीन सिग्नल होने पर वहां रुक सकें।

कई चौराहों पर जेब्रा क्रासिंग गलत प्वाइंट पर बन गई है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी व नगर निगम को पत्र लिखा है गया है। जेब्रा क्रासिंग सही जगह होगी तभी इसका पालन कराया जा सकता है।

-सुभाष शाख्य, डीसीपी ट्रैफिक