लखनऊ (ब्यूरो)। घनी आबादी वाली शंकरपुरी कॉलोनी में पार्क तो बच्चों के खेलने के लिए बनाया गया था लेकिन गुजरते वक्त के साथ अब यह पार्क पूरी तरह से वाहनों की पार्किंग में तब्दील हो चुका है। जिसकी वजह से पार्क की सुविधा इतिहास बनती नजर आ रही है। वहीं इस इलाके में रहने वाले लोगों को पर्याप्त जलापूर्ति का भी इंतजार है।

पार्क में खड़े हो रहे वाहन

इस इलाके में एक तिकोनिया आकार का पार्क भी है। पार्क की सुविधा मिलने के बाद बच्चों को उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें रोड पर खेलने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा लेकिन गुजरते वक्त के साथ यह पार्क पार्किंग में तब्दील हो गया है। इस पार्क में कहीं भी हरियाली नजर नहीं आती है और हर तरफ वाहन खड़े हुए देखे जा सकते हैैं। जिसकी वजह से पार्क का अस्तित्व धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

कोई देखने वाला नहीं

पार्क में वाहनों को पार्क करने की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, इसके बावजूद जिम्मेदारों की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई लोगों की मांग है कि पार्क को व्यवस्थित किया जाना चाहिए, जिससे बच्चों को खेलने के लिए प्रॉपर जगह मिल सके। लोगों की यह भी मांग है कि पार्क को डेवलप करने के साथ ही उसकी देखरेख के लिए भी कर्मचारी लगाए जाएं। जिससे भविष्य में फिर से पार्क का स्पेस पार्किंग के रूप में यूज न हो सके।

जर्जर ट्यूबवेल भी बन रहा मुसीबत

यहां पर 21 मई 2003 को जलकल की ओर से नलकूप लगाया गया था। लगभग 5 हजार आबादी वाले क्षेत्र में इस नलकूप के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है। आलम यह है कि प्रॉपर मेंटीनेंस न होने की वजह से यह नलकूप जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। नलकूप ऑपरेटर भी परिवार के साथ यहीं पर रहता है, जिसकी वजह से किसी दिन भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इलाके में जलापूर्ति करने की जिम्मेदारी पंप ऑपरेटर की होती है।अगर समय रहते इसका मेंटीनेंस नहीं कराया गया तो लोगों को पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ेगा। लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द ट्यूबवेल का मेंटीनेंस कराया जाना चाहिए, जिससे पेयजल संकट सामने न आए। लोगों की ओर से नया ट्यबवेल भी लगाए जाने की मांग की गई है।