लखनऊ ब्यूरो: राजधानी के सीमावर्ती इलाके में अवैध वसूली व स्टैैंड के नेटवर्क पर शनिवार को तो पुलिस ने एक्शन लिया लेकिन वह इसके मास्टर माइंड तक नहीं पहुंच सकी है। संडे को कमता चौराहे पर फिर अवैध बस स्टैंड पहले की तरह चलता मिला। इससे साफ हो गया है कि जब तक लगातार इस नेटवर्क पर एक्शन नहीं लिया जाएगा, यह धंधा बंद नहीं होगा।

5 किमी तक फैला है जाल
राजधानी से अयोध्या जाने वाले नेशनल हाईवे एनएच 30 पर ट्रैफिक प्रेशर अधिक है और अवैध पार्किंग व सर्विल लेन चोक होने से यहां जाम भी लगता है। यहां करीब तीन हजार वाहन और अवैध दुकानें ट्रैफिक रोकने का काम कर रही हैं। पॉलीटेक्निक चौराहे से बीबीडी यूनिवर्सिटी तक 5 किमी का सफर तय करने में 45 मिनट तक का समय लग रहा है।

शह पर चल रहा अवैध स्टैैंड
कमता चौराहे पर डग्गामार वाहनों के स्टैंड से जाम लगता है। यहां से डग्गामार बसें फैजाबाद से लेकर पूर्वांचल के सभी शहरों के लिए चलाई जा रही हैं। जब कभी शिकायत मिलती है, तभी इस स्टैंड पर पुलिस छापा मारती है और फिर सब कुछ पहले की तरह हो जाता है।

हर जगह अवैध कब्जा
पॉलिटेक्निक चौराहे से बीबीडी तक एक तरफ हाईवे के किनारे अवैध पार्किंग का कब्जा है तो दूसरी तरफ फुटपाथ पर दुकाने सजी हैं। आलम यह है कि यहां पैदल चलने वालों को भी मेन रोड का ही यूज करना होता है। शाम के समय जाम के चलते दो किमी का सफर तय करने में कई बार एक घंटे तक का समय लग जाता है।

हाईवे पर खड़े करते हैं वाहन
हाईवे की रोड पर ही लोग अपने व्हीकल पार्क कर देते हैं। यहीं नहीं वाहनों को सर्विस लेन के साथ-साथ रोड पर भी खड़ा किया जाता है। जिससे मेन रोड की चौड़ाई कम हो जाती है।

ट्रैफिक हो जाता है ध्वस्त
फैजाबाद रूट पर सबसे ज्यादा जाम सुबह और शाम को लगता है। सिटी से बाहर जाने के लिए वाहनों की इंट्री होती है। चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोलर न होने के चलते ट्रैफिक पूरी तरह ध्वस्त हो जाता है।

जाम लगने का कारण
- अवैध तरह से खड़े वाहन।
- फुटपाथों पर सजी दुकानें।
- ट्रैफिक सिस्टम का सही न होना।
- लोगों का आड़ी-तिरछी गाड़ी खड़ी करना।

होने वाली प्रमुख समस्याएं
- जाम में फंसने से ईंधन की खपत बढ़ जाती है।
- लोगों को ऑफिस पहुंचने में हो जाती है देर।