लखनऊ (ब्यूरो)। ठगी के मामले में लखनऊ प्रदेश में पहले स्थान पर है। ऑनलाइन ठगी के साथ मैनुअल ठगी के मामले यहां रोज दर्ज हो रहे हैं। पुलिस भी बहुत कम मामलों में चार्जशीट दाखिल कर आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज पाती है। लचर कार्रवाई के चलते आरोपी कानूनी प्रक्रिया से बचकर बाहर आ जाते हैं और फिर ठगी के धंधे में लग जाते हैं।
80 फीसदी मामले फ्रॉड के
2022 में जनवरी से लेकर जून तक के 6 माह में ही केवल 22 थानों में कुल 6171 मामले दर्ज हुए हैं। इन सभी केस में मात्र 20 फीसदी मामले गंभीर क्राइम से संबंधित हैं, जबकि 80 प्रतिशत मामले किसी ने किसी फ्रॉड से जुड़े हैं। राजधानी के 43 थानों में डेली 50 से 60 केस दर्ज होते हैं। इसमें मैनुअल ठगी के साथ-साथ ऑनलाइन ठगी के मामले भी शामिल हैं। गाजीपुर, विकास नगर एरिया में मई और जून माह में टप्पेबाजी और ठगी के करीब एक दर्जन मामले दर्ज किए गए। कुछ ऐसे ही हालात हर थाने के हैं। इसके अलावा साइबर सेल और अन्य सेल में भी ठगी की शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
कैसे बच जाते हैं आरोपी
ठगी के केस में बहुत कम चार्जशीट दाखिल होती हैं। इसकी विवेचना इतनी लंबी और कठिन होती है कि विवेचक केस में पर्चे तो काटते हैं लेकिन चार्जशीट दाखिल करने से बचते हैं। लंबी प्रक्रिया के चलते कई बार आरोपी बच जाते हैं। फ्रॉड के मामले में विवेचक को सबसे बड़ी मुश्किल साक्ष्य जुटाने में आती है। साक्ष्य के अभाव के चलते ही आरोपी केस से बच जाते हैं। फ्रॉड होने की दशा में घटनास्थल से लेकर उसके उद्देश्य की स्थिति अहम होती है। कई बार केस दर्ज कराने के बाद वादी के मजबूत पैरवी न करने पर केस छूट जाता है।
जांच के बाद केस होगा दर्ज
अब ठगी के मामले में आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने और कड़ी कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस ठगी के मामले में जांच के बाद केस दर्ज करने की तैयारी है। मतलब जांच में साक्ष्य को जुटाने के लिए केस दर्ज कर उसकी विवेचना कर चार्जशीट दाखिल की जाए ताकि आरोपियों को सजा मिल सके।
इस तरह होती है ऑफलाइन ठगी
- नौकरी का झांसा देकर ठगी
- ठेका और कांट्रेक्टर के नाम पर फ्रॉड
- फ्लैट व जमीन खरीदने बेचने का फ्रॉड
- गाडिय़ों को ट्रैवल्स में लगवाने के नाम पर फ्रॉड
ठगी के मामलों में चिनहट नंबर 1
मैनुअल ठगी के सर्वाधिक मामले हजरतगंज, विभूतिखंड, गोमती नगर, गाजीपुर, सुशांत गोल्फ सिटी और चिनहट में दर्ज होते हैं। इसके अलावा ठाकुरगंज और मडिय़ांव में भी मैनुअल ठगी के मामले दर्ज होते हैं। इन इलाकों में सबसे ज्यादा सरकारी और गैर सरकारी ऑफिस होने के चलते मैनुअल ठगी के मामले दर्ज हो रहे हैं।
6 माह में किस थाने में दर्ज हुए कितने मामले
थाना केस
विभूतिखंड 432
गोमती नगर 457
हजरतगंज 238
चिनहट 536
गाजीपुर 340
ठाकुरगंज 334
काकोरी 312
मोहनलालगंज 315
सुशांत गोल्फ सिटी 400
आशियाना 330
कृष्णा नगर 325
सरोजनी नगर 319
पारा 318
मडिय़ांव 378
कैसे बचने ऑफलाइन फ्रॉड से
- कभी नौकरी के नाम पर तो कभी दुकान, मकान व जमीन के नाम पर तो कभी टेंडर सबसे ज्यादा राजधानी में फ्रॉड होते है।
- नौकरी व टेंडर के विषय में कारण है कि सभी कुछ डीलिंग राजधानी से होती है जिसके तहत लोग आसानी से जालसाजों के जाल में फंस जाते हैं।
- ऐसे लोगों से बचने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन में भरोसा न करके मैनुअल जांच पड़ताल करें।
- इसके अलावा मकान, जमीन व दुकान के मामले में राजस्व व कचहरी से ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स की जरूरी पड़ताल करें।
ऑफलाइन व ऑनलाइन किसी भी प्रकार की ठगी में मामला दर्ज कर उसकी विवेचना नियमानुसार की जाती है। कई मामले में कार्रवाई भी कई गई है। लोगों को जागरूक भी किया जाता है कि जालसाजों से सावधान रहे।
- डीके ठाकुर, पुलिस कमिश्नर लखनऊ