लखनऊ (ब्यूरो)। सही जानकारी न होने के कारण कई बार मरीज की मदद की जगह उसका नुकसान हो जाता है। खासतौर पर अगर बात ब्लड चढ़ाने की हो। अक्सर तीमारदार ब्लड बैंक से ब्लड ले जाते हुए उसे कंबल से लपेट लेते हैं, उसे अपने शरीर से चिपका कर रखते है, ताकि उसे गर्म रखा जा सके। पर डॉक्टर्स के मुताबिक, ऐसा करने से ब्लड सेल्स टूटने और रिएक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे कई केस केजीएमयू में रोज देखने को मिल रहे हैं, जिसके बाद डॉक्टर्स लोगों को ब्लड बैग सही तरह से कैरी करने के तरीकों के बारे में बताते हैं।

जागरूक करने की है जरूरत

केजीएमयू की ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ। तूलिका चंद्रा के मुताबिक, ब्लड बैंक के बारे में छात्रों को सही तरह से नहीं पढ़ाया जाता है। उनको पुरानी चीजें ही पढ़ाई जा रही हैं, जबकि समय के साथ काफी कुछ बदल गया है। लोगों को ब्लड बैग देते समय सही जानकारी न होने के कारण मरीजों में रिएक्शन का खतरा बढ़ जाता है। रोजाना ऐसे 2-3 मामले सामने आ रहे हैं। लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की जरूरत है।

हीमोलिसिस का होता है खतरा

डॉ। तूलिका आगे बताती हैं कि ब्लड बैंक से ब्लड बैग मिलने के 15-20 मिनट के अंदर उसे डिलीवर कर देना चाहिए। पर इस दौरान अक्सर तीमारदार उसे लेकर बाहर धूप में घूमते रहते हैं, उसे पेट से लगाकर रखने के अलावा कंबल में लपेटने और गर्म पानी तक में रख देते हैं। ऐसा करने से हीमोलिसिस यानि ब्लड सेल्स टूटने का खतरा बढ़ जाता है, जिसकी वजह से रिएक्शन होने लगता है।

इन बातों का रखें ध्यान

ब्लड बैग को ले जाने में सावधानी बरतने की जरूरत है। इसको कभी फ्रीजर में नहीं रखना चाहिए। अगर यह फ्रिज में रखा हुआ मिला है, तो उसे 30 मिनट के लिए बाहर रख दें। अगर ब्लड बैंक से मिला है, तो सीधे वार्ड में जाकर जमा करा दें।

जानकारी के अभाव में लोग ब्लड बैग को पेट से लगाकर या कंबल में रख देते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे रिएक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।

- डॉ। तूलिका चंद्रा, केजीएमयू