लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए की अलग-अलग योजनाओं में कॉमर्शियल और आवासीय प्लॉट्स के न मिलने और उनके डॉक्यूमेंट्स भी गायब होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैैं। अभी तक करीब 100 से अधिक ऐसे मामले सामने आ चुके हैैं, जिसमें प्लॉट्स में खेल किया जाना प्रतीत हो रहा है। जब इनके डॉक्यूमेंट्स खंगाले गए तो वे भी रिकॉर्ड से गायब हैैं। जिसके बाद अब एलडीए प्रशासन ने नए सिरे से सभी योजनाओं में रिमोट सेंसिंग सर्वे शुरू करा दिया है, ताकि एक-एक प्लॉट का रिकॉर्ड अपडेट किया जा सके।

इन योजनाओं में ज्यादा खेल

अभी तक एलडीए की टीपी नगर योजना, गोमतीनगर विस्तार योजना, अलीगंज और जानकीपुरम योजना में प्लॉट्स में हुए खेल सामने आए हैैं। हैरानी की बात तो यह है कि इनके रिकॉर्ड तक गायब हो गए हैैं। जिसकी वजह से यह पता लगा पाना मुश्किल हो रहा है कि ये प्लॉट्स गए कहां। टीपी नगर में सबसे अधिक फर्जीवाड़ा देखने को मिला है। यहां पर 20 से अधिक कॉमर्शियल प्लॉट्स में खेल सामने आया है। जिसके बाद त्रिस्तरीय जांच कराई जा रही है, जिससे फर्जीवाड़े में शामिल लोगों को सामने लाया जा सके।

खंगाले जा रहे रिकॉर्ड

एलडीए के रिकॉर्ड रूम से लेकर लालबाग स्थित पुराने ऑफिस में सभी योजनाओं में रिक्त प्लॉट्स से जुड़े कागजात खंगाले जा रहे हैैं। जिन प्लॉट्स के रिकॉर्ड नहीं मिल रहे हैैं, उनमें यह संभावना जताई जा रही है कि इन्हें फर्जी तरीके से सेल आउट कर दिया गया है या कहीं दबा दिया गया है। ऐसे में अब इन प्लॉट्स के डुप्लीकेट कागजात बनवाने का प्रयास किया जा रहा है। उधर, ड्रोन सर्वे के दौरान जो अनिस्तारित संपत्तियां सामने आ रही हैैं, उनका भी कंप्यूटर में अलग से रिकॉर्ड तैयार कराया जा रहा है, जिससे इस बार कोई खेल न किया जा सके।

यहां हो रहा रिमोट सेंसिंग सर्वे

एलडीए की ओर से जानकीपुरम और अलीगंज योजना में रिमोट सेंसिंग सर्वे कराया जा रहा है। इस सर्वे के दौरान एक-एक प्लॉट्स की एक्चुअल पोजीशन सामने आ जाएगी। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जा सकेगा कि प्राधिकरण के कितने प्लॉट्स में अवैध कब्जे हो चुके हैैं। जिसके बाद नए सिरे से अभियान चलाकर अवैध कब्जे खाली कराए जाएंगे।

पांच बीघा में अवैध प्लॉटिंग

प्रवर्तन जोन-5 की जोनल अधिकारी श्रद्धा चौधरी ने बताया कि शेर मोहम्मद व अन्य द्वारा बीकेटी के ग्राम-भैंसामऊ में लगभग पांच बीघा क्षेत्रफल में अवैध रूप से प्लाटिंग का कार्य करते हुए कालोनी विकसित की जा रही थी। प्राधिकरण से लेआउट स्वीकृत कराये बिना की जा रही इस अवैध प्लाटिंग के विरुद्ध विहित न्यायालय द्वारा वाद योजित करते हुए ध्वस्तीकरण के आदेश पारित किये गये थे। उक्त आदेश के अनुपालन में सहायक अभियंता एनएन चौबे के नेतृृत्व में टीम ने डेवलपर द्वारा स्थल पर विकसित की गयी सड़कें, नाली, बाउंड्रीवॉल व भूखंडों के डिमार्केशन के लिए ईंटों से किये गये चिनाई आदि के कार्य को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।