लखनऊ (ब्यूरो)। बड़ों के अलावा अब युवाओं में भी तंबाकू के सेवन का चलन बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से समय से पहले ही युवाओं में मुंह, फेफड़े आदि का कैंसर हो रहा है। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे-21 के अनुसार, उत्तर प्रदेश में तंबाकू का सेवन करने वाले युवा करीब 22 प्रतिशत हैं, जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है और चिंता का विषय है। इसको ध्यान में रखते टोबैको फ्री एजुकेशनल इंस्टीट्यूट (टॉफी) प्रोग्राम चलाया जा रहा है, जिसका फोकस शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने पर है।

स्कूल टीचर को बना रहे नोडल

जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ। आरके चौधरी के मुताबिक, प्रदेश में 15 मई से 15 जून तंबाकू माह चल रहा है, जिसके तहत कई कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। इसी के तहत टोबैको फ्री एजुकेशनल इंस्टीट्यूट प्रोग्राम भी चलाया जा रहा है, जिसमें बीएसए और डीआईओएस के साथ बैठक की जा रही है। यहां शिक्षण संस्थानों को पूरी तरह तंबाकू फ्री बनाने पर जोर दिया जा रहा है। प्रत्येक शिक्षण संस्थानों में एक टीचर को नोडल इंचार्ज बनाया जा रहा है, जिनके जरिए स्कूलों में तंबाकू नियंत्रण की गतिविधियां चलाई जाएंगी।

अस्पताल में कराया जाता है इलाज

स्कूल में स्टूडेंट्स के पैरेंट्स को मीटिंग के दौरान तंबाकू से होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में जागरूक किया जा रहा है। अगर किसी टीचर को लगता है कि स्कूल में कोई स्टॉफ या स्टूडेंट तंबाकू का सेवन करके आता है तो उसकी काउंसलिंग का भी काम किया जाता है। इसके बावजूद अगर उससे तंबाकू नहीं छूटता है तो फिर उसका बलरामपुर अस्पताल में इलाज कराया जाता है। जो स्कूल तंबाकू मुक्त होते हैं, उनको सम्मानित करने का काम भी किया जाता है।

तंबाकू छोडऩे में ही है भलाई

स्टेट टोबैको कंट्रोल सेल के सदस्य डॉ। सूर्यकांत का कहना है कि बीड़ी-सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पादों को छोडऩे के फायदे बहुत हैं। धूम्रपान बंद करने के 12 मिनट के भीतर उच्च हृदय गति और रक्तचाप में कमी आ सकती है। 12 घंटे बाद रक्त में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड सामान्य हो जाएगा। दो से 12 हफ्ते में खून का प्रवाह और फेफड़ों की क्षमता बढ़ जायेगी। योग एवं प्राणायाम भी तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट छोडऩे में सहायक होते हैं।