- उन्नाव के औरास पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर उठाया कदम

- आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह ने शुरू की जांच, मामले के दस्तावेज किए जब्त

LUCKNOW : अपर मुख्य सचिव नगर विकास रजनीश दुबे के निजी सचिव विशंभर दयाल ने सोमवार दोपहर को बापू भवन स्थित कमरे में खुद को गोली मार ली। उनको गंभीर हालत में लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस को कमरे में मोबाइल, एक सुसाइड नोट व लाइसेंसी रिवॉल्वर मिली, जिसे पुलिस ने जांच के लिए भेज दिया। सुसाइड नोट में औरास पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। पुलिस पर आरोपों की जांच आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह को सुपुर्द की गई। उन्होंने देर शाम संबंधित मामले के सभी दस्तावेज जब्त कर लिये। वहीं मंगलवार को इंस्पेक्टर औरास हर प्रसाद अहिरवार और दारोगा तमीजुद्दीन को सस्पेंड कर दिया है। अन्य पुलिसकर्मियों की जांच चल रही है।

अपर मुख्य सचिव नगर विकास रजनीश दुबे के मुताबिक सोमवार को करीब 1.30 बजे विशंभर दयाल बापू भवन के आठवें फ्लोर पर स्थित अपने कार्यालय कमरा नंबर 824 में पहुंचे और कमरा बंद करके खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोगों ने दरवाजा खटखटाया लेकिन नहीं खुला। इस पर सुरक्षाकर्मियों को सूचना दी गई, उन्होंने दरवाजा खोलकर विशंभर दयाल को अस्पताल भेजा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

विभिन्न बिंदुओं पर की जा रही जांच

डीसीपी सेंट्रल डॉ। ख्याति गर्ग के मुताबिक दोपहर एकाएक अपर मुख्य सचिव के कक्ष से गोली चलने की आवाज सुनते ही पड़ोस के दफ्तर में काम कर रहे एक निजी सचिव उनके कक्ष में पहुंचे। कक्ष में खून से लथपथ हालत में विशंभर दयाल पड़े थे। उन्होंने तत्काल उच्चाधिकारियों और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद उनको गंभीर हालत में सिविल अस्पताल भेजा गया, जहां से लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया गया। निजी सचिव ने कनपटी पर सटा कर खुद को गोली मारी है। रिवाल्वर में डोरी लगी थी। ऐसे में संभावना है कि रिवाल्वर उनकी लाइसेंसी है। घटना की विभिन्न बिंदुओं पर पड़ताल की जा रही है।

किसी से फोन पर कर रहे थे बात

पुलिस के मुताबिक निजी सचिव के मोबाइल पर किसी की कॉल आई थी। बात करने के बाद उन्होंने गोली मारी। मोबाइल पास में चालू हालत में नीचे पड़ा था। पुलिस इस बात की पड़ताल कर रही है कि कॉल किसकी थी। पुलिस के अनुसार छुट्टी के दिन विशंभर दोपहर में बापू भवन के आठवें तल पर स्थित अपने दफ्तर पहुंचे। वह अपने घर से मीटिंग में शामिल होने की बात कहकर कार्यालय आए थे। वहां पर व्यवस्था अधिकारी से कॉल कर कार्यालय खुलवाने की बात भी सामने आई है। निजी सचिव पिछले लगभग 9 साल से रजनीश दुबे के साथ ही काम कर रहे हैं। रजनीश दुबे इस दौरान जिन-जिन विभागों में रहे, वहीं पर विशंभर की तैनाती रही है। सचिवालय के सुरक्षा कर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है।

उन्नाव के औरास पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप

डीसीपी मध्य डॉ। ख्याति गर्ग के मुताबिक पुलिस को उनके कार्यालय से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने अपनी बहन के विवाद का जिक्र किया है, जिसका मुकदमा उन्नाव के औरास थाने में दर्ज है। विशंभर दयाल की बहन का परिवार में संपत्ति बंटवारे को लेकर विवाद था, जिसका दीवानी न्यायालय में मुकदमा चल रहा है। इसी मामले को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ। इसके अलावा कई मुकदमे दर्ज हुए। इसमें निजी सचिव को भी नामजद किया गया। हालांकि पुलिस का दावा है कि उनका नाम विवेचना के दौरान हटा दिया गया था। औरास पुलिस द्वारा प्रताडि़त करने के मामले की जांच आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह को सौंपी गई है। उन्होंने जांच के लिए सभी जरूरी दस्तावेज भी थाने से जब्त कर लिये हैं।

सुरक्षा को लेकर फिर खड़े हुए सवाल

सचिवालय कर्मी द्वारा असलहा लेकर सचिवालय में जाने और खुद को गोली मारने की घटना के बाद एक बार फिर सचिवालय की सुरक्षा पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। छुट्टी के दिन सचिवालय का एक ही गेट खुला होता है, वहां भी सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त न होना सचिवालय के सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही दर्शाता है। वहीं सूत्रों का कहना है कि विशंभर छुट्टी के दिन ऑफिस पहुंचे और व्यवस्थाधिकारी से कार्यालय खुलवाने की बात कही। व्यवस्थाधिकारी ने विशंभर दयाल का कक्ष खोलने के लिए लिखित में प्रार्थना पत्र मांगा। लिखित में प्रार्थनापत्र मिलने के बाद ही कार्यालय को खोला गया था।

सुरक्षा के लिए है अलग सुरक्षा बल

सचिवालय की सुरक्षा के लिए अलग सुरक्षा बल है। यहां अभी तक जिलाजीत चौधरी मुख्य सुरक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी निभा रहे थे। हाल ही में उनका ट्रांसफर दूसरी जगह हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि आमतौर पर उनकी चेकिंग ही नहीं की जाती जो रोज सचिवालय में आते जाते हैं। अब ऐसे अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की बात कही जा रही है। लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि सचिवालय की सुरक्षा की जिम्मेदारी सचिवालय सुरक्षा बल की है।

बहन का ससुराल में चल रहा है संपत्ति का विवाद

औरास पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाने की जांच कर रहीं आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह के मुताबिक विशंभर दयाल की बहन रामदेवी के पति व पिता और अन्य भाइयों में संपत्ति को लेकर विवाद हुआ था। इस मामले में 2007 में समझौता हुआ। जिसे निजी सचिव की बहन व बहनोई ने नहीं माना। इसके लिए दीवानी न्यायालय में वाद दायर किया। वहीं 2019 में एक मारपीट हुई। जिसमें विशंभर दयाल, उनकी बहन व भांजी को आरोपी बनाया गया। विवेचना के दौरान पुलिस ने एक-एक कर तीनों का नाम हटा दिया था। बाकी लोगों के खिलाफ मारपीट की धारा में चार्जशीट दाखिल की थी। इस साल मई में बहन रामदेवी के पड़ोसी से विवाद हुआ। जिसमें पड़ोसी ने छेड़छाड़, पॉक्सो व मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था। जब पीडि़ता का बयान दर्ज कराया गया तो मामला सिर्फ मारपीट का निकला। तो पुलिस ने छेड़छाड़ व पॉक्सो एक्ट की धारा हटवाकर मारपीट में चार्जशीट भेज दी। कुछ दिन बाद दोबारा दोनों पक्षों में मारपीट हुई। दोनों पक्षों से एनसीआर दर्ज कराई गई। पुलिस ने विरोधी पक्ष की तरफ से मुकदमे में कई धाराएं बढ़ाई जबकि रामदेवी की तरफ से दर्ज एनसीआर में कोई धारा नहीं बढ़ाई गई.पीडि़त रामदेवी के बेटे का हाथ टूटा था। इसके बाद अगस्त महीने में एक छेड़छाड़ का और मुकदमा दर्ज कराया गया। जिसकी विवेचना चल रही है।

इंस्पेक्टर व दारोगा सस्पेंड, जांच शुरू

आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह के मुताबिक मई में दर्ज एनसीआर में एकपक्षीय कार्यवाही करने व मुकदमे की विवेचना में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। शुरुआती पड़ताल में इंस्पेक्टर औरास व हल्का दारोगा दोषी पाए गये हैं। मंगलवार सुबह आईजी लक्ष्मी सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर औरास हर प्रसाद अहिरवार और हल्का दारोगा तमीजुद्दीन को सस्पेंड कर दिया गया है। निजी सचिव की बहन से जुडे़ सभी मामलों के दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है। अगर इस मामले की विवेचना में अन्य पुलिसकर्मी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।