लखनऊ (ब्यूरो)। सैरपुर थाने के पहले इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए रिजर्व पुलिस लाइन में पुलिस कर्मियों भीड़ लगी रही। विभाग के सभी अधिकारी कर्मचारियों ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसमे जेसीपी लॉ एंड आर्डर पीयूष मोर्डिया, जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी, डीसीपी मुख्यालय रईश अख्तर, डीसीपी उत्तरी एस चिनप्पा, पुलिस उपायुक्त अभिसूचना एवं सुरक्षा श्याम नारायण सिंह, एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह, एसीपी महानगर जया शांडिल्य प्रमुख रूप से शामिल रहे।

उठ गया पिता का साया

संजय के मौत की खबर सुनकर आये उनके भाई धनंजय सिंह ने बताया कि उनके 5 साल से 14 साल तक कि तीन बेटियां हैं। संजय इनकी पढ़ाई और भविष्य को लेकर बेहद फिक्रमंद थे। वो बेटियों को अफसर बनाना चाहते थे। उधर पति मौत से पत्नी चारु सदमे में हैं। किसी तरह परिजन पार्थिव शरीर के साथ बच्चों और पत्नी को बिहार के औरंगाबाद ले गए। वहां सोमवार को उनका अंतिम संस्कार होगा

सोमवार को होना था थाना का उद्घाटन

सहकर्मियों ने बताया कि सोमवार को सैरपुर थाने का उद्घाटन होना था। संजय इसी की तैयारी में जुटे थे। शनिवार रात वह अपनी कार से थाने जा रहे थे। सीतापुर रोड पर भिठौली क्रासिंग के पास उनकी कार ट्रक से टकरा गई थी।

अफसर नहीें दोस्त बनकर मिलते थे

पुलिस कमिश्नरेट में नए बने चार थानों में सैरपुर भी एक है। जिसे मड़ियांव व काकोरी के कई इलाकों को काटकर बनाया गया है। नए थाना अभी पुरानी पुलिस चौकी में चल रहा है। जिसका सोमवार को उद्घाटन होना था। सैरपुर थाना के पहले इंस्पेक्टर संजय कुमार अपने व्यवहार के लिए भी चर्चित थे। वे सभी से दोस्त की तरह मिलते थे।