लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी पुलिस में सहायक उप निरीक्षक (लेखा) के पद पर फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी पाने का मामला सामने आया है। शिकायत मिलने पर यूपी पुलिस भर्ती प्रोन्नति बोर्ड ने अभ्यर्थी के दस्तावेजों की जांच कराई, जिसमें फर्जीवाड़ा सामने आया। इसके बाद भर्ती बोर्ड पुलिस के डीएसपी की शिकायत पर वजीरगंज निवासी कृष्ण कुमार गिरि के खिलाफ हुसैनगंज थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर उसका चयन निरस्त कर दिया गया।

वर्ष 2021 में निकली थी भर्ती
यूपी पुलिस भर्ती प्रोन्नति बोर्ड के डीएसपी एहसान उल्लाह खान ने बताया कि वर्ष 2021 में सहायक उप निरीक्षक (लेखा) पदों पर सीधी भर्ती में अयोध्या के ओमपुरम कॉलोनी, छोटा रमना वजीरगंज निवासी कृष्ण कुमार गिरि ने आवेदन किया था। लिखित परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थी ने शारीरिक दक्षता परीक्षा भी पास कर ली। इसके बाद उप निरीक्षक लेखा के दारोगा पद पर चयनित हो गया। आरोप है कि अभ्यर्थी ने शैक्षणिक दस्तावेजों में पीजीडीसीए (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन) का प्रमाण पत्र भर्ती बोर्ड में जमा किया था।

यूनिवर्सिटी ने डिग्री से नकारा
दावा था कि उसने कानपुर यूनिवर्सिटी से संबद्ध घाटमपुर स्थित भीतरगांव के आजाद महाविद्यालय से डिप्लोमा किया था। भर्ती बोर्ड ने अभ्यर्थी के जमा किए गए दस्तावेज के सत्यापन के लिए अयोध्या पुलिस को भी निर्देशित किया था। जांच के दौरान यूनिवर्सिटी की तरफ से यह जानकारी मुहैया कराई गई कि कृष्ण कुमार गिरी नाम से किसी भी छात्र ने पीजीडीसीए का डिप्लोमा नहीं किया है। जांच में पता चला कि पुलिस की नौकरी पाने के लिए अभ्यर्थी ने फर्जी डिप्लोमा लगाकर नौकरी पाई है। वहीं, थाना प्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है।