लखनऊ (ब्यूरो)। एलयू ने बीते सेशन में पीजी लेवल पर एनईपी लागू किया था। एलयू व डिग्री कॉलेजों में पीजी कोर्स में कुछ हजार स्टूडेंट्स को ही शामिल होना था। कई शिक्षकों का कहना है कि पीजी लेवल पर एग्जाम कराने में इतनी दिक्कतें हो रही हैं। जब यूजी लेवल पर बड़े पैमाने पर इस तरह एग्जाम होंगे तब यूनिवर्सिटी प्रशासन क्या करेगी। सूत्रों का कहना है कि परीक्षा विभाग ने सभी एचओडी के साथ तालमेल नहीं बैठाया जिससे दिक्कतें सामने आईं।
नहीं पता कहां होगा एग्जाम
स्टूडेंट्स जब एग्जाम देने पहुंचे तो उन्हें इस बात की ही जानकारी नहीं थी कि उनका एग्जाम कहां होगा। विभागों में भी उन्हें पहले कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी। जिसके कारण वे इधर-उधर भटकते रहे। दूर दराज के एरिया से आए स्टूडेंट्स को सर्वाधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

ये हुई थीं दिक्कतें
- अचानक सेंटर बदल देने से स्टूडेंट्स हुए परेशान
- एग्जाम सेंटर के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी स्टूडेंट्स को न होना
- स्टूडेंट्स का काफी समय सेंटर खोजने में निकल गया
- विज्ञान विभाग के एचओडी को पता ही नहीं था कि इंटर डिपार्टमेंटल एग्जाम कराना है
- आनन-फानन में कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था की गई

1771 स्टूडेंट्स ने दिया एग्जाम
एलयू और कालेजों में शनिवार को हुईं पीजी के विभिन्न विषयों की परीक्षाओं में स्थिति सामान्य रही। दोनों पालियों में 1803 स्टूडेंट्स पंजीकृत थे। इनमें से 1771 ने एग्जाम दिया। जबकि 32 स्टूडेंट्स अनुपस्थित रहे। वहीं, कालेजों में भी एग्जाम शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित की गईं। कालीचरण पीजी कालेज में दोपहर में एमए सोशियोलॉजी की परीक्षा से पूर्व गेट पर सघन चेङ्क्षकग के बाद ही स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया गया। श्री जय नारायण पीजी कालेज में दोपहर में 98 फीसद स्टूडेंट्स की उपस्थिति दर्ज की गई।