लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में गरीबों को उनके घर के पास बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए करीब 108 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जाने हैं। इसके लिए बकायदा इंटरव्यू तक हो चुके हैं, पर अब तक इसका रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है। इतना ही नहीं, सेंटर खोलने के लिए जगह तक नहीं मिल रही है, जिसकी वजह से परियोजना अधर में लटकती नजर आ रही है। अधिकारियों की माने तो जबतक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाएगी सेंटर शुरू नहीं सकेगा। उम्मीद है कि अगले एक माह में ये खुल सकेंगे।

108 सेंटर खुलने हैं

नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचम) के तहत राजधानी के विभिन्न वार्डों में स्लम और आबादी के अनुसार कुल 108 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जाने हैं। जहां एक डॉक्टर और पैरामेडिक्स की तैनाती होनी है। सेंटर पर मरीजों को मुफ्त दवा मिलने के साथ फ्री जांच की सुविधा भी मिलेगी। यह पूरी कवायद मरीजों को घर के पास ही सुविधा मुहैया कराने के लिए है ताकि बड़े अस्पतालों में मरीजों का लोड कम हो सके। सभी सेंटर्स पर संविदा पर डॉक्टरों की तैनाती होनी है। इसके लिए बकाया इंटरव्यू तक हो चुके हैं, लेकिन ये सेंटर अभी तक शुरू नहीं हो सके हैं।

रिजल्ट जारी नहीं हुआ है

हेल्थ सेंटर पर एक डॉक्टर और स्टाफ नर्स की तैनाती होनी है। जिसमें संविदा पर डॉक्टर भर्ती के लिए इंटरव्यू हो चुके हैं, पर अधिकारियों की लापरवाही की वजह से अभी तक इसका रिजल्ट घोषित नहीं किया जा सका है। जबकि, इंटरव्यू हुए कई माह हो चुके हैं। ऐसे में कई डॉक्टर मजबूरी में दूसरी जगह चले गये हैं, जिसकी वजह से सेंटर शुरू करने में डॉक्टरों की कमी भी बड़ी दिक्कत बन सकती है।

किराए का फंसा पेंच

दूसरी ओर सेंटर के लिए जगह मिलने में भी समस्या आ रही है। अधिकारियों की माने तो अभी तक करीब 40 से अधिक सेंटर्स के लिए ही रेंट एग्रीमेंट हो सका है। अन्य स्थानों पर जगह की कमी या रेंट रेट को लेकर मसला फंस रहा है। एनएचएम द्वारा करीब 50 हजार रुपए और डीएम सर्किल रेट में जो कम होगा वो दिया जायेगा। ऐसे में लोग जगह किराए देने से बच रहे हैं, जिसकी वजह से सेंटर खोलने में दिक्कतें आ रही हैं।

किराए पर जगह मिलने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं, जिनको जल्द दूर कर लिया जाएगा। उम्मीद है कि अगले एक माह में सेंटर्स शुरू कर दिए जायेंगे।

-डॉ। मनोज अग्रवाल, सीएमओ