लखनऊ (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश में लगभग 25000 करोड़ की लागत वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर खुल गए हैैं और इसमें बहुत बड़ी अनियमितता सामने आई है। यह अनियमितता बैैंक गारंटी से जुड़ी हुई है। इसका सीधा फायदा देश के बड़े निजी घरानों को हो रहा है।

अब सिर्फ तीन प्रतिशत बैैंक गारंटी

देश के निजी घरानों ने पावर कॉरपोरेशन पर दबाव डालकर भारत सरकार के नवीनतम ऑर्डर के तहत जो परफॉर्मेंस बैंक गारंटी 10 प्रतिशत जमा करनी थी, उसे बदलवाकर अब तीन प्रतिशत करवा ली है। जिसका आदेश भी प्रबंध निदेशक पावर कॉरपोरेशन की तरफ से जारी कर दिया गया है। सभी को पता है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर का काम सबसे ज्यादा रिस्की है, इसलिए इसमें किसी भी हालत में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की परफॉर्मेंस बैंक गारंटी कम नहीं होनी चाहिए थी। उपभोक्ता परिषद ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

अप्रैल 2023 में गाइडलाइन चेंज हो गई

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि भारत सरकार के गाइडलाइन के तहत पहले टेंडर की कुल लागत का तीन प्रतिशत परफॉर्मेंस बैंक गारंटी जमा करना होती थी, लेकिन अप्रैल 2023 में गाइडलाइन चेंज हो गई और उसमें 3 से 10 प्रतिसत परफॉर्मेंस बैंक गारंटी जमा करने का कानून बनाया गया। कानून बनते ही पूर्वांचल व दक्षिणांचल ने जो पहले 3 प्रतिशत परफॉर्मेंस बैंक गारंटी जमा करने के लिए कहा था तुरंत एक संशोधन जारी करके 10 प्रतिशत परफॉर्मेंस बैंक गारंटी जमा करने का आदेश जारी कर दिया। अब क्या था, सब इसे बदलवाने में जुट गए हैैं।