लखनऊ (ब्यूरो)। अक्सर लोग कमर या बदन दर्द की शिकायत करते हैं। पहले तो वे इसे नजरअंदाज करते हैं, लेकिन समस्या बढऩे पर डॉक्टर के पास जाते हैं। पर दवा करने के बावजूद कोई राहत नहीं मिलती। ऐसे में, एकबार उन्हें किसी साइकियाट्रिस्ट से जरूर मिलना चाहिए। दरअसल, एक्सपट्र्स का मानना है कि यह समस्या कई बार शारीरिक न होकर मानसिक तनाव की वजह से भी हो सकती है। इस तरह के करीब 20 फीसदी मामले केजीएमयू के साइकियाट्रिक विभाग की ओपीडी में आते हैं।

स्टे्रस व डिप्रेशन भी हो सकती वजह

केजीएमयू के साइकियाट्रिक विभाग के डॉ। आदर्श त्रिपाठी के मुताबिक, कई इंटरनेशनल स्टडीज के अनुसार, दुनियाभर में 20 फीसदी ऐसे मरीज होते हैं जिनकी समस्या शारीरिक न होकर मानसिक होती है। इस तरह के कई मामले ओपीडी में देखने को मिलते हैं। लोग कमर या बदन दर्द को शारीरिक दर्द मानकर न्यूरो या फिजीशियन को दिखाते हैं। साथ ही, बार-बार सीटी स्कैन या एमआरआई समेत अन्य जांच कराते है। पर जांच में कुछ निकलता नहीं है और दवा करने के बावजूद कोई राहत नहीं मिलती, जबकि यह समस्या स्टे्रस, डिप्रेशन या सोमेटिक सिम्प्टम्स की वजह से भी हो सकती है। इन कारणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

इसलिए होती है समस्या

डॉ। आदर्श के मुताबिक, आज की भागादौड़ भरी जिंदगी की वजह से लोगों में स्ट्रेस का लेवल काफी बढ़ गया है, जिसकी वजह से बॉडी सर्वाइवल मोड में चली जाती है। इसके चलते दिल की धड़कन बदलना, सांसों का बढऩा, मसल्स में लगातार पेन रहना जैसी समस्या होने लगती है। इसके अलावा लो बैक पेन भी होने लगता है, जो सबसे आम लक्षण होता है। साउथ एशिया में साइकोलॉजिकल सिम्प्टम्स को लोग जल्द पहचान नहीं पाते है। यह समस्या खासतौर पर बच्चों और महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है।

एक्सरसाइज करना है जरूरी

रोज करीब 45 मिनट से लेकर 1 घंटा एक्सरसाइज करना जरूरी है। दवा साइकोलॉजिकल थेरेपी आदि भी दी जाती है, जिससे इस दर्द से राहत मिलती है। लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि अगर इस तरह का दर्द ठीक नहीं हो रहा है, तो एकबार किसी साइकियाट्रिस्ट से जरूर मिलें।

ये होते हैं कुछ आम लक्षण

- बैक पेन

- बॉडी पेन

- फटीग

- बदहजमी

- मसल पेन

कई बार बैक या बॉडी पेन शारीरिक न होकर स्टे्रस या डिप्रेशन की वजह से भी हो सकता है। ऐसे में, लोगों को इन लक्षणों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

-डॉ। आदर्श त्रिपाठी, केजीएमयू