लखनऊ (ब्यूरो)। महानगर निवासी डॉ। राकेश जलोटा ने महानगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि नवंबर में एक युवक ने उन्हें कॉल कर अपना नाम विशाल पांडेय बताया। उसने डॉ। जलोटा को दुबई में एक कांफ्रेस होने की जानकारी दी।

भेजा एक ईमेल

बाद में विशाल ने डॉक्टर को ईमेल भेजा, जिसमें दवा कंपनी का डोमेन लोगो ग्लेनमार्क का था। इससे डॉक्टर को उसकी बातों पर यकीन हो गया। उन्होंने दुबई यात्रा के लिए सहमति दे दी। डॉक्टर ने दुबई यात्रा में अपनी पत्नी को भी निजी खर्च में साथ ले जाने की बात रखी, जिस पर विशाल ने तत्काल हामी भर दी और कंपनी से उस खर्च को भी वापस दिलाने का वादा किया।

टिकट वीजा के नाम वसूले पैसे

आरोपी विशाल ने डॉक्टर की पत्नी के टिकट व वीजा के नाम पर कई बार में करीब 3 लाख 18 हजार रुपये वसूले। आरोपी ने डॉक्टर को फर्जी एयर टिकट भी भेज दिए। दिल्ली से भेजे गए टिकट की जब जानकारी कराई गई तो वह फर्जी निकले। कुछ दिन बाद डॉक्टर ने विशाल को वाट्सएप कॉल की तो उसने खुद उन्हें ठगे जाने की जानकारी दी। यही नहीं उसने बताया कि वह सिर्फ डॉक्टरों को ही निशाना बनाता है। तीन दिन पहले विशाल ने डॉक्टर को कॉल कर खुद को पकड़वाने का चैलेंज किया था।

ठगी के पैसे से खरीदी कार

साइबर क्राइम सेल इंस्पेक्टर रणजीत राय ने बताया कि ठगी के पैसों से विशाल ने क्रेटा कार खरीदी थी। साइबर क्राइम एक्सपर्ट फिरोज बदर ने बताया कि उसकी लिस्ट में देश के कई नामचीन डॉक्टर हंै। पूर्व में उसने डिमरापाल स्थित मेडिकल कॉलेज में तैनात आर्ट एक्सपर्ट डॉ। नवीन दुल्हानी से जर्मनी भेजने के नाम पर 8 लाख की ठगी थी। जिसमें वह जेल गया था।

बदला लेने के लिए ठगी

विशाल पूर्व में दवा कंपनी में जॉब करता था। वाट्सअप के जरिए विशाल ने डॉक्टर राकेश को बताया कि 2017 में नोट बंदी के दौरान वह एक डॉक्टर के कारण जेल गया। इसके बाद 2018 में उसने बदला लेने के लिए केवल डॉक्टरों को अपने जाल मे फंसाकर ठगी का खेल शुरू किया।