लखनऊ (ब्यूरो)। संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड मामले में एक नया खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में हत्यारे का लखनऊ जेल से कनेक्शन मिला है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इसी जेल से जीवा की हत्या कराने का खेल शुरू हुआ है। दरअसल, लखनऊ जेल में नेपाल के काठमांडू के माफिया अशरफ का भाई आतिफ बंद है और यहां उससे जीवा की कहासुनी हुई थी। पुलिस अब लखनऊ जेल की बैरक में जीवा की हत्या का सुराग तलाश रही है।

भाई की बेइज्जती का बदला

पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी के बयान से सामने आया कि जीवा ने आतिफ की काफी बेइज्जती की थी। इतना ही नहीं, एक बार तो दोनों में किसी बात को लेकर झड़प भी हो गई थी। आतिफ जमानत पर जेल से बाहर आया और अपने भाई अशरफ को पूरी कहानी सुनाई। अपने भाई आतिफ की बेइज्जती का बदला लेने के लिए ही अशरफ ने जीवा को मरवाया। हालांकि, पुलिस अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। जब तक जांच पूरी नहीं होती है, कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।

20 लाख रुपए की दी सुपारी

सूत्रों के अनुसार, हत्यारोपी विजय यादव उर्फ आनंद ने पुलिस को बयान दिया है कि उसने नेपाल के काठमांडू के माफिया अशरफ के कहने पर जीवा की हत्या की है। उसने अशरफ को माफिया अतीक का दोस्त भी बताया है। पुलिस उसके बयानों की पुष्टि करने में जुटी हुई है। पूछताछ में हत्यारोपी विजय ने यह भी बताया है कि जीवा की हत्या की डील काठमांडू में हुई थी। अशरफ ने ही उसको जीवा की फोटो दिखाकर उसकी हत्या के लिए 20 लाख रुपए की सुपारी दी थी।

सीसीटीवी में आरोपी के साथ एक और युवक

शूटर विजय ने पुलिस को बताया है कि एक व्यक्ति ने उसे शहर में पनाह दी थी। कोर्ट तक छोडऩे से पहले वकील की ड्रेस मुहैया कराई, उसे वह नहीं पहचानता है। वह कैसरबाग बस अड्डे की तरफ से कोर्ट आया था। सूत्रों के अनुसार, पुलिस की जांच में सीसीटीवी में विजय के पीछे एक काले कोट में युवक भी दिखा है, लेकिन वह उसका साथी था कि नहीं, अभी इसका पता नहीं चल सका है। टीम उसको भी ट्रेस करने की कोशिश कर रही है।

पुलिस को सपोर्ट नहीं कर रहा आनंद

पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी अपने बयान से बार-बार पुलिस को घुमा रहा है। पुलिस की थ्योरी यह भी बता रही है कि जिस रिवॉल्वर से हत्या हुई उसे ज्यादातर पश्चिमी यूपी के शूटर इस्तेमाल करते हैं, साथ ही इस पूरे घटनाक्रम को एक पूर्व सांसद से जोड़कर भी देखा जा रहा है। उसकी पूर्वांचल में अच्छी पकड़ है और मुख्तार गिरोह का एंटी ग्रुप है। ऐसे में पुलिस की जांच कई पहलुओं पर चल रही है।

एफआईआर में खुलासा ऐसी हुई वारदात

जीवा की सुरक्षा में तैनात दरोगा उदय प्रताप सिंह ने इस हत्याकांड की एफआईआर दर्ज कराई है, उन्होंने तहरीर में बताया कि जीवा को जिला कारागार लखनऊ से 7 जून को करीब 11.30 बजे कोर्ट लाया गया था। केस की गवाही चल रही थी कि करीब 3.15 बजे जीवा ने बाथरूम जाने को कहा। बाथरूम की व्यवस्था नहीं होने की वजह से उसको बाहर बने बाथरूम में ले जाया गया, वहां से उसे वापस कोर्ट लाया जा रहा था, कोर्ट रूम के गेट के पास ही एक व्यक्ति, जो वकील की डे्रस में था, ने अचानक रिवॉल्वर निकालकर जीवा पर पीछे से फायरिंग शुरू कर दी। जीवा घायल होकर गिर गया। गोली मारने वाले व्यक्ति को लोगों ने मौके पर दबोच लिया। उसकी रिवॉल्वर और 6 खोखा कारतूस छीन कर कब्जे में ले लिया।