LUCKNOW NEWS: लखनऊ (ब्यूरो)। बीबीएयू में ज्वॉइंट पीएचडी प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी है। बीबीएयू यह प्रोग्राम अपनी कोलेबरेशन और एमओयू वाली विदेशी यूनिवर्सिटीज के साथ शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इस पीएचडी प्रोग्राम में दो सुपरवाइजर होंगे। इसके अलावा विवि प्रशासन ने पीएचडी को लेकर भी कई अन्य फैसले लिए हैंं। विदेशी यूनिवर्सिटीज के साथ ज्वॉइंट पीएचडी शुरू करने के बाद विवि इसे देश की दूसरी यूनिवर्सिटीज के साथ भी यह कोर्स शुरू करेगा।

दो सुपरवाइजर कराएंगे पीएचडी
बीबीएयू के अधिकारियों के मुताबिक ज्वॉइंट पीएचडी प्रोग्राम में दो सुपरवाइजर का प्रावधान होगा। एक सुपरवाइजर बीबीएयू जबकि दूसरे सुपरवाइजर को कोलेबरेशन वाली यूनिवर्सिटी से चुना जाएगा। पीएचडी उसी यूनिवर्सिटी से अवॉर्ड होगी, जहां स्टूडेंट रजिस्टर्ड होगा, हालांकि पीएचडी की उपाधि में दोनों ही यूनिवर्सिटी का जिक्र होगा।

सुपर न्यूमेरिक कोटे से रखे जाएंगे शोधार्थी
पीएचडी ऑर्डिनेंस में एक और नया प्रावधान किया गया है। इसके तहत अब बीबीएयू का हर एक शिक्षक जो पीएचडी कराने के लिए एलिजिबिल है, वह दो विदेशी स्टूडेंट्स को शोध करवा सकेंगे। सुपर न्यूमेरिक कोटे से शोधार्थी रखे जाएंगे, इन्हें शिक्षक के मूल कोटे में नहीं जोड़ा जाएगा। इसके अलावा पार्ट टाइम पीएचडी को भी मंजूरी दे दी गई है। बीबीएयू के 26 विभागों में पार्ट टाइम पीएचडी करवाने की तैयारी है। पार्ट टाइम पीएचडी के लिए अलग से सीटें बढ़ाई जाएंगी। पार्ट टाइम पीएचडी में चार वर्ष में थीसिस जमा करने की व्यवस्था है।

नौकरी लगने वाले शोधार्थियों को भी राहत
नियमित पीएचडी के दौरान नौकरी लगने पर शोधार्थी की मेहनत खराब नहीं जाएगी। उसे पीएचडी नहीं छोडऩी पड़ेगी, बल्कि बीबीएयू से अनुमति लेकर नौकरी जॉइन करनी होगी। इसके बाद छुट्टी लेकर बीबीएयू के नियमानुसार पीएचडी पूरी की जा सकेगी। यही नहीं जो लोग अपनी पीएचडी समय पर पूरी नहीं कर सके, अब तक जिनकी पीएचडी थीसिस जमा नहीं हुई है, ऐसे शोधार्थियों को एक और मौका दिया गया है। इस संबंध में नोटिफिकेशर जारी होने के बाद 3 महीने के अंदर ऐसे शोधार्थियों को पीएचडी थीसिस जमा करने का मौका एकेडमिक काउंसिल में लिया गया है।