LUCKNOW: फिल्म देव डी से बॉलीवुड में कदम रखने वाली कल्कि कोचलिन ने अपने अभिनय के दम पर कई पुरस्कार जीत चुकी हैं। हर किरदार को अपने अभिनय से जीवंत करने का हुनर रखने वाली कल्कि मंडे को राजधानी में आयोजित रेपर्टवा में बतौर एक नाटक की डायरेक्टर मौजूद रहीं। इस दौरान उन्होंने फिल्मों और थियेटर के बीच के अंतर को समझाते हुये कहा, 'थियेटर में रिटेक का मौका नहीं मिलता.'

टफ है थियेटर

डायरेक्शन में हाथ आजमा रही कल्कि ने बताया कि थियेटर में काम करना बहुत मुश्किल है। फिल्मों में गल्तियां होने पर सीन दोबारा शूट किया जा सकता है लेकिन थियेटर में ऐसा नहीं है। मंच पर एक बार नाटक शुरू हो गया तो जब तक आपका कैरेटक्र है तो आपको परफार्म करना रहता है। यहां पर कोई रीटेक का चांस नहीं होता है। इसलिए मंच पर काम करने के लिए बहुत मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि मुझे थियेटर व फिल्म दोनों ही पसंद है।

गुरुदत्त की फैन हैं

कल्कि ने बताया कि उनके पसंदीदा एक्टर गुरुदत्त है। गुरुदत्त की मूवी प्यासा उनकी फेवरेट फिल्मों में से एक हैं। एक्टिंग के मामले में भी गुरुदत्त का भी कोई जवाब नहीं था। उन्होंने बताया कि बॉलीवुड के इरफान खान और रणवीर कपूर मेरे फेवरेट कलाकार है। कंगना और तब्बू मेरी पसंदीदा अभिनेत्री है। उन्होंनें बताया कि बॉलीवुड में अब यंगस्टर्स से जुड़ी या फिर एतिहासिक फिल्मों का दौर चल रहा है। अब दर्शक भी हवा-हवाई फिल्मों को पसंद नहीं करते हैं।

लखनऊ की चाट की हैं शौकीन

कल्कि कोचलिन ने कहा कि वह खाने की बेहद शौकीन है। इसलिए यहां आते ही उन्होंने सबसे पहले टुंडे कबाब और बिरयानी मंगवाई। इसके अलावा शहर में मिलने वाली चाट भी उनकी पसंदीदा डिशेज में शामिल रही। उन्होंने बताया कि जल्द ही वह फिल्मों में दिखाई देंगी। जिया जिया, हैप्पी एंडिग व डेथ इन गंज है में वह फिर से दिखाई पड़ेंगे। इसके अलावा कई अन्य फिल्में भी कर रही हूं।

प्रतीक कुहद की शानदार परफार्मेस पर झूमे लोग

इंडियन फोक व पॉप रॉक गाने वाले प्रतीक के परफार्मेस ने लोंगों का दिल जीत लिया। प्रतीक का अलबम अगले साल ही रिलीज हुआ था वो खुद के लिखे हुए गाने गाते है। रेपर्टवा के यूजिक फेस्ट में प्रतीक ने ये पल , तूने कहा व ओ माई लव के अलावा कई इंग्लिश सांग भी गये। उनकी परफार्मेस देखने के बाद लोग मंत्रमुग्ध हो गये। प्रतीक के साथ ड्र स पर निखिल वासुदेवन , बास पर ध्रुव व लीड वोकल पर खुद प्रतीक ने अपनी कमान सभाली। इसके अलावा रेपर्टवा थियेटर फेस्ट में मराठी मूवी कोर्ट को भी दिखाया गया। जिसमें कोर्ट के कामकाज व किस तरह आम आदमी कोर्ट के चक्कर लगाता है उसको दिखाया गया।