लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू प्रशासन को आये दिन मरीजों से लेकर स्टूडेंट्स तक से शिकायतें मिलती रहती हैं। इसी के मद्देनजर अब केजीएमयू प्रशासन द्वारा स्टूडेंट्स से लेकर मरीजों तक से फीडबैक लिया जा रहा है। इसमें दिखाने के दौरान आई दिक्कतों से लेकर, हॉस्टल की समस्या, फैकल्टी को क्या-क्या समस्या आ रही आदि को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं। इसके लिए बकायदा जगह-जगह क्यूआर कोड लगाया गया है, जिसे स्कैन करने के बाद पूछे गये सवालों के जवाब भरने होंगे। संस्थान प्रशासन के मुताबिक, इस तरह से लिए फीडबैक से पता चलेगा कि कहां-कहां क्या समस्या आ रही है, जिनको दूर करने का काम किया जायेगा।

मरीजों से लिया जा रहा फीडबैक

केजीएमयू में करीब 4500 से अधिक बेड हैं। वहीं, रोजाना पांच हजार से अधिक मरीज अपना इलाज कराने यहां आते हैं। रजिस्ट्रेशन से लेकर ओपीडी में दिखाने और जांच आदि के दौरान यहां लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर डॉक्टर के व्यवहार को लेकर अकसर शिकायतें आती हैं। इसी को देखते हुए उनसे फीडबैक लिया जा रहा है, जिसमें पर्चा बनवाने में दिक्कत, ओपीडी में मिलने वाली सुविधाओं में कोई समस्या, डॉक्टर व स्टाफ का व्यवहार, सफाई व्यवस्था, दवा की उपलब्ध आदि संबंधित कई सवाल पूछे जा रहे हैं। मरीजों द्वारा दिए जा रहे फीडबैक के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

स्टूडेंट्स और फैकल्टी का भी फीडबैक

इसके अलावा, संस्थान में 500 से अधिक फैकल्टी और करीब तीन हजार से अधिक स्टूडेंट्स है। उनकी समस्याओं से संबंधित भी फीडबैक लिया जा रहा है। जिसमें हॉस्टल, मेस, लाइब्रेरी, विभाग में समस्या, लैब में समस्या आदि को लेकर फीडबैक लिया जा रहा है, ताकि समय रहते उन दिक्कतों को दूर किया जा सके।

कमियों को दूर करने का काम करेंगे

वीसी डॉ। बिपिन पुरी ने बताया कि संस्थान में मरीजों से लेकर फैकल्टी और स्टूडेंट्स तक से फीडबैक लिया जा रहा है, ताकि संस्थान अपनी सर्विस को और बेहतर करने की दिशा में काम कर सके। इसके लिए क्यूआर कोड जनरेट किया गया है, जिसे स्कैन करने के बाद अपना फीडबैक भर सकते हैं। जहां तक मरीजों की बात है, तो उनकी सबसे बड़ी शिकायत डॉक्टर द्वारा डिटेल में कुछ बताया न जाना है। यानि मरीज और डॉक्टर के बीच कम्यूनिकेशन गैप सबसे बड़ी समस्या है, जिसमें डॉक्टर मरीजों को सही से बीमारी के प्रति पूरी जानकारी नहीं देते हैं। इसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि यहां मरीजों का लोड सबसे ज्यादा है। इसके लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है। साथ ही, साइकेट्रिक विभाग संग मिलकर डॉक्टर्स के लिए स्पेशल सेशन रखा जा रहा है, ताकि उनमें सॉफ्ट स्किल्स डेवलप किए जा सकें। इसके अलावा, फैकल्टी और स्टूडेंट्स की समस्याओं को भी दूर किया जायेगा।

मरीजों से लेकर फैकल्टी और स्टूडेंट्स तक से फीडबैक लिया जा रहा है, ताकि जो समस्या आ रही है, उसे दूर करने का काम किया जा सके।

-डॉ। बिपिन पुरी, वीसी, केजीएमयू