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लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू को जल्द ही इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस का तमगा हासिल हो सकता है। इसके लिए प्रपोजल बनाकर शासन को भेजा जा चुका है, जिसे सेंट्रल गवर्नमेंट को भेजा जायेगा। अगर प्रपोजल को मंजूरी मिल जाती है तो केजीएमयू के लिए यह एक बड़ी उपलब्धी होगी। क्योंकि संस्थान को न केवल केंद्रिय बजट मिलेगा, बल्कि कई अन्य तरह की सुविधाएं भी मिलेंगी। जिसका सीधा फायदा मरीजों को बेहतर इलाज के तौर पर मिलेगा।

अप्लाई किया गया है

केजीएमयू वीसी डॉ। बिपिन पुरी के मुताबिक, इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस के लिए संस्थान द्वारा अप्लाई किया गया है। यह पूरी कवायद कुलाधिपति-गवर्नर आनंदीबेन पटेल के दिशा-निर्देशन पर की जा रही है। इसका फायदा संस्थान को तो मिलेगा ही, पर सबसे अधिक फायदा यहां आने वाले मरीजों को मिलेगा। उनको बेहतर और उन्नत चिकित्सीय सुविधाएं मिल सकेंगी। इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

यह मिलेगा फायदा

वीसी डॉ। बिपिन पुरी के मुताबिक, इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस का तमगा मिलने का सबसे बड़ा फायदा यह मिलेगा कि संस्थान को सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा फंड मिलेगा। जिसका उपयोग संस्थान में एडवांस मशीनें, दवा समेत अन्य कामों में किया जा सकता है। इसके अलावा जीएसटी देने में भी छूट मिलेगी, जिससे संस्थान की न केवल बचत होगी बल्कि अतिरिक्त आय का साधान उत्पन्न होगा। इसका फायदा सीधे मरीजों को मिलेगा, क्योंकि यह पैसा उनके इलाज के लिए ही खर्च किया जा सकेगा।

पूरे प्रदेश को मिलेगा फायदा

इतना ही नहीं संस्थान को इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस का स्टेटस मिलने पर पूरे प्रदेश को फायदा होगा, क्योंकि यहां फॉरेन फैकल्टी के आने का रास्ता खुल जायेगा। साथ ही विदेशी संस्थानों से अनुबंध करने में और अधिक सहूलियत मिलेगी। वहीं, क्वालिटी रिसर्च की सुविधा और संख्या में बढ़ोतरी होगी, जिसका सीधा फायदा मेडिकल क्षेत्र को मिलेगा। क्योंकि रिसर्च के आधार पर ही आगे की चिकित्सीय पद्धति तैयार की जाती है। इसका फायदा मरीजों को उनके बेहतर और एडवांस ट्रीटमेंट के तौर पर मिलेगा।

चुनिंदा संस्थान हैं इस लिस्ट में

भारत में इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस के रूप में उन संस्थानों को परिभाषित किया गया है जो देश/राज्य के विशेष निर्दिष्ट क्षेत्रों के भीतर उच्चतम कौशलों में कुशल कार्मिकों को तैयार करने में मुख्यकर्ताओं की भूमिका निभाते हैं। ऐसे प्रतिष्ठानों की सूचि पूरे देश में बेहद ही चुनिंदा है। इसमें सभी एम्स, आईआईटी और आईआईएम समेत अन्य कुछ संस्थाएं शामिल हैं। अगर सब कुछ सही रहा तो जल्द ही केजीएमयू भी इस लिस्ट में शामिल हो जायेगा।

मरीजों को मिलेंगे ये बड़े फायदे

-मरीजों को बेहतर और उन्नत चिकित्सीय सुविधाएं मिल सकेंगी

-संस्थान का खर्च घटेगा और बचा पैसा मरीजों के इलाज में लग सकेगा

-क्वालिटी रिसर्च बढ़ेगी, इसका फायदा मरीजों को उनके एडवांस ट्रीटमेंट के तौर पर मिलेगा

-सेंट्रल गवर्नमेंट से फंड मिलेगा, जिसका उपयोग एडवांस मशीनें, दवा समेत अन्य कामों में किया जा सकेगा

इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस के लिए अप्लाई किया गया है। अपू्रवल मिलने पर राजधानी समेत पूरे प्रदेश को इसका फायदा मिलेगा।

-डॉ। बिपिन पुरी, वीसी, केजीएमयू