लखनऊ (ब्यूरो)। किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज मरीजों के अलावा अब अपने स्टूडेंट्स से भी फीडबैक लेगा ताकि संस्थान में आ रही समस्याओं को समझकर उनको दूर किया जा सके। अधिकारियों के माने तो चूंकि स्टूडेंट्स पढ़ाई से लेकर मरीजों को देखने तक में शामिल होते हैं और इस दौरान उनको कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। उसी को देखते हुए स्टूडेंट्स से फीडबैक लेते हुए कमियों को दूर किया जायेगा ताकि स्टूडेंट्स को बेहतर माहौल दिया जा सके।

वार्ड और ओपीडी में ड्यूटी

केजीएमयू में एमबीबीएस, पीजी समेत पैरा मेडिकल की भी पढ़ाई होती है, जहां करीब 3-4 हजार स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे होते हैं। पढ़ाई के साथ वे थीसिस, लाइब्रेरी का इस्तेमाल करने से लेकर वार्ड और ओपीडी में ड्यूटी के साथ मरीजों की देखभाल करने का भी काम करते हैं। इस दौरान उनको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वार्ड या ओपीडी में ड्यूटी के दौरान सबसे अधिक समस्या होती है।

यह जुटाई जाएगी जानकारी

स्टूडेंट्स से पढ़ाई में कहां-कहां समस्या हो रही है, लाइब्रेरी या थीसिस में क्या कमी या जरूरत है या परिसर का एनवायरमेंट कैसा है आदि संबंधित जानकारी जुटाई जाएगी। इसके अलावा मरीजों को देखने के दौरान क्या-क्या समस्या आती है, इसका भी फीडबैक लिया जायेगा। स्टूडेंट्स से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर ही इन कमियों को दूर किया जायेगा।

एक नई कोशिश की शुरुआत

वीसी डॉ। बिपिन पुरी के मुताबिक, पेशेंट की ही तरह यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स फीडबैक का काम शुरू किया है। यह एक नई कोशिश है। यूनिवर्सिटी में करीब 3-4 हजार स्टूडेंट्स हैं। पढ़ाई और मरीज को देखने के दौरान उनको क्या समस्या होती है, उसके बारे में फीडबैक लिया जाएगा ताकि एक यूनिवर्सिटी के तौर पर और बेहतर किया जा सके। इसका फायदा स्टूडेंट्स के साथ-साथ मरीजों को भी मिलेगा।

स्टूडेंट्स फीडबैक के तहत पढ़ाई से लेकर मरीजों को देखने तक में आने वाली दिक्कतों के बारे में पूछा जायेगा, जिसे इंप्रूव करने पर काम होगा।

-डॉ। बिपिन पुरी, वीसी, केजीएमयू