- पांच लाख रुपये की सुपारी लेकर की गई थी हत्या

- हत्यारों पर गैंगस्टर और गुंडा एक्ट की हो चुकी कार्रवाई

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रुष्टयहृह्रङ्ख : मोहनलालगंज में व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुजीत पांडेय का हत्यारा वारदात के बाद न केवल खुलासे को लेकर चल रहे प्रदर्शन में शामिल होता था बल्कि सोशल मीडिया पर गिरफ्तारी के लिए कैंपन भी चला रहा था। पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान दो हत्यारोपी को गिरफ्तार किया है जबकि हत्या की सुपारी देने वाला मुख्य आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

गैंगस्टर व गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी हो चुकी

आशियाना के नटवाडीह टीले के पास मंगलवार रात करीब 11.20 बजे पुलिस की बदमाशों के साथ मुठभेड़ हो गई। दो बदमाशों को गोली लग गई। घायल बदमाशों की शिनाख्त बंथरा के रायसिंह खेड़ा माती निवासी अरुण कुमार यादव उर्फ छोटू और मोहनलालगंज के मरूई निवासी मुलायम यादव के रूप में हुई। एसीपी कैंट बीनू सिंह के मुताबिक अरुण के खिलाफ 7 मुकदमें दर्ज हैं। वहीं मुलायम के खिलाफ मोहनलालगंज थाने में मुकदमा दर्ज है। उसके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट और गुडंा एक्ट की भी कार्रवाई हो चुकी है।

पांच दिन पहले ही रच दी थी साजिश

जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी के मुताबिक पूर्व प्रधान सुजीत पांडेय की हत्या मोहनलालगंज के कारोबारी मधुकर सिंह यादव ने रची थी। इसमें उसके दो भाई राम अचल यादव उर्फ पुष्कर, मधुरेंद्र सिंह यादव उर्फ हिंकर यादव की भी अहम भूमिका है। साजिश वारदात के पांच दिन पहले ही रची गई थी। इसके लिए शूटरों को पूरी रकम भी दे दी गई थी। दो दिनों तक मधुकर के भाई पुष्कर व हिंकर शूटरों के साथ घूमकर रेकी करा रहे थे।

हत्या से पहले चोरी के मामले में गए थे जेल

18 तारीख को योजना पुख्ता होने के बाद तीनों भाई साजिश के तहत खाद्य विभाग द्वारा दर्ज कराये गये चोरी के मुकदमें में जेल चले गये। दो दिन पहले मधुकर की जमानत पर बाहर निकला था जबकि उसके दोनों भाई अभी जेल में हैं। पुलिस दोनों भाइयों को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।

चेयरमैन की कुर्सी ही नहीं कारोबार भी था निशाना

पुलिस के मुताबिक हत्या का सबसे बड़ा पहलु राजनैतिक वर्चस्व कायम करना है। चेयरमैन पद के लिए कई दावेदार सामने आ गये। इसमें मधुकर भी अपने परिवार से किसी को मैदान में उतारने की तैयारी कर रहा था, लेकिन जनता के बीच सुजीत की छवि अच्छी थी। उनके सामने चुनाव मैदान में हार का डर सता रहा था।

खुद चला रहा था गिरफ्तारी का कैंपेन

पुलिस के मुताबिक मामले में दोनों आरोपी सुजीत की हत्या के बाद से हर प्रदर्शन में शामिल रहे। साथ ही सोशल मीडिया पर हत्यारों की गिरफ्तारी को लेकर कैंपेन चला रहे थे। पुलिस सोशल मीडिया की डिटेल खंगाल रही है। पुलिस के मुताबिक वारदात के बाद सीसीटीवी खंगाले गये थे। इस दौरान कई संदिग्ध युवकों की तस्वीर मिली। तीन दिन पहले शूटरों का स्कैच बनाया गया। इसके बाद उसका मिलान सीसीटीवी से कराया गया, जिसमें मुलायम और अरुण को जाते हुए देखा गया। पुलिस ने फुटेज का मिलान मंगलवार रात मुठभेड़ के बाद दबोचे गये बदमाशों के पहनावे और बाइक से कराया, जिसमें वारदात में प्रयुक्त बाइक और शूटरों द्वारा पहने गये जूते मेल खा गये। इसके बाद दोनों ने सिलसिले वार वारदात की बात कुबूल कर ली। हत्यारों को वारदात के लिए पांच लाख की सुपारी दी गई थी।