लखनऊ (ब्यूरो)। अपराध चाहे शौक के लिए किया जाए या मजबूरी में, उसकी सजा भुगतनी ही होती है। दरअसल, लखनऊ पुलिस ने एक लेडी ऑटो लिफ्टर को चोरी के 6 स्कूटर के साथ गिरफ्तार किया है। महिला अपने दिव्यांग पति व चार बच्चों को पालने के लिए ऑटो लिफ्टर बन गई। उसकी कहानी और अपराध का तरीका चौंकाने वाला है। वह शॉपिंग मॉल, मंदिर व हॉस्पिटल के सामने से ही नहीं बल्कि कॉलोनी के भीतर से भी स्कूटर चोरी करती थी। कई बार सीसीटीवी कैमरे की जद में भी आई, लेकिन पकड़ी नहीं गई। 2021 से वारदात कर रही महिला आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गई।

चोरी के 6 स्कूटर हुए बरामद

एडीसीपी पूर्वी सैय्यद अली अब्बास ने बताया कि दो माह से राजधानी में स्कूटर चोरी होने की कई शिकायतें आ रही थीं। इसी दौराने 28 मार्च को विशाल सिंह नामक युवक का स्कूटर चोरी हो गया था। मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली गई तो उसमें एक महिला चोरी करते दिख रही थी। जब महिला की तलाश की गई तो विजयंतखंड स्थित मिनी स्टेडियम के पास से 35 वर्षीय आरती को गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने चोरी के कुछ स्कूटर बेच दिए और 6 को घर के पास एक खाली प्लॉट में खड़ा कर रखा था।

विकलांग पति व 4 बच्चों को पालने के लिए ऑटो लिफ्टर

एडीसीपी ने बताया किए पूछताछ में आरोपी आरती ने बताया कि उसके पति विजय यादव से उसने लव मैरिज की थी। शादी के बाद दोनों परिवार से अलग रहते हैं। विजय पहले कांच का काम करता था। काम के दौरान उसे चोट आई, जिससे वह विकलांग हो गया और उसे लकवा भी मार गया। उसका इलाज हॉस्पिटल में चल रहा है। उनके चार बच्चे भी हैं, जिनका पालन पोषण आरती ही करती है। ऐसे में पति के इलाज और बच्चों को पालने के लिए उसने स्कूटर की चोरी करने की ठानी। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसे स्कूटर चलाना नहीं आता था। ऐसे में सबसे पहले उसने स्कूटर चलाना सीखा और फिर रेकी करना शुरू किया।

कॉलोनी के भीतर से चुराती थी गाड़ी

एडीसीपी पूर्वी ने बताया कि आरती गोमती नगर, चिनहट विभूतिखंड और विस्तार इलाकों में स्थित कॉलोनी में घूमती थी और वहां रेकी करती थी। जिस स्कूटर का लॉक खुला रहता या चाभी लगी रहती उसे वह थोड़ी दूर बिना स्टार्ट किए ले जाती। उसकी डूप्लीकेट चाबी बनवाकर स्टार्ट कर घर पर खड़ी कर देती थी। उसके बाद खरीदार ढूंढ कर उसे औने पौने दाम में बेच कर खर्चा चलाती। चोरी में महिला किसी अन्य की सहायता नहीं लेती थी।