- 20 से 25 करोड़ का है फूलों का कारोबार

- 10 करोड़ का अब तक हो चुका है नुकसान

- 15 हजार से ज्यादा लोग इस कारोबार से जुड़े हैं

- कोरोना ने लगाया फ्लावर डेकोरेशन करने वालों की कमाई पर ब्रेक

- नुकसान के चलते पूरी तरह से ठप हो गई इंडस्ट्री

- नई गाइडलाइन से कारोबार के पटरी पर आने की उम्मीद

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख: लखनवाइट्स की खुशियों <द्गठ्ठद्द>(शादी समेत अन्य फंक्शन) में रंग बिरंगे फूलों की खुशबू बिखेरने वालों की जिंदगी से ही खुशबू गायब हो गई है। कोरोना कॉल में फ्लावर इंडस्ट्री पूरी तरह से ठप हो गई है। फूल कारोबारियों की मानें तो बड़े फंक्शन न होने से उन्हे काफी नुकसान हुआ है। उन्हे अब तक करीब दस करोड़ का नुकसान हो चुका है। वहीं अनलॉक के बाद इस इंडस्ट्री के लोगों में दोबारा कारोबार के पटरी पर आने की उम्मीद जागी है।

सालाना 20 से 25 करोड़ का है कारोबार

राजधानी की बात करें तो यहां मंडी समेत छोटे बड़े फूल कारोबारियों की संख्या करीब हजार के आसपास होती है। वहीं सहायक के तौर पर काम करने वाले करीब 10 से 15 हजार लोग इससे जुड़े हुए हैं। एक अनुमान के अनुसार राजधानी में फूलों का कारोबार करीब 20 से 25 करोड़ का होता है, लेकिन बंदी की वजह से सभी काम ठप है। सहालग या अन्य कोई बड़ा फंक्शन न होने से फूलों की मांग ज्यादा नहीं है। थोड़ी बहुत डिमांड होटल मालिकों की ओर से आई, जो नाकाफी रही।

फिर से जगी है आस

डिवाइन डिजाइन के ओनर हसन बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद से बुरे हाल हैं। लॉकडाउन से अबतक सात महीने शॉप बंद रही है। 5 से 7 हजार की रोजाना कमाई पूरी तरह से बंद हो गई है। इसके अलावा दिल्ली, कोलकाता आदि बाहर से आने वाली फूलों की सप्लाई भी बंद हो चुकी है क्योंकि फूलों की खेती करने वाले किसानों को भी काफी नुकसान हुआ है। नई गाइड लाइन में सरकार ने शादी में मेहमानों की संख्या में कुछ बढ़ोत्तरी की है। फिलहाल जिन लॉन से हमारा कांटेक्ट है वहां कुछ हो नहीं रहा है। वर्तमान में 70 से 80 फीसद काम खत्म हो गया है। फिलहाल सहालग शुरू होने वाली है और नई गाइड लाइन से कारोबार के पटरी पर लौटने की उम्मीद है।

नई गाइडलाइन से मिली थोड़ी राहत

अरशद डेकोरेटर के ओनर अरशद ने बताया कि अनलॉक में भी कोई काम नहीं आया है। मार्च में अप्रैल की सहालग की तैयारी में लगे थे, लेकिन आजतक कुछ हो नहीं सका है। अनलॉक में कुछ फायदा नहीं नजर आ रहा है। अभी तक छोटी पार्टी हो रही ऐसे में लोग फूल से डेकोरेशन कम कराने से बच रहे हैं। वहीं नई गाइडलाइन के तहत फंक्शन में दो सौ मेहमानों की परमीशन मिलने से कारोबार में फिर से बहार लौटने की उम्मीद जागी है। वहीं वर्णिंत जायसवाल नव निर्माण डेकोरेटर ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से सहालग का एक सीजन जा चुका है। दूसरे सीजन में 50 लोगों की परमीशन होने पर चंद लोगों ने ही डेकोरेशन का काम कराया। फिलहाल अब फंक्शन में दो सौ लोगों की परमीशन मिलने से थोड़ी राहत मिली है। कुछ लॉन में बुकिंग हुई है, लेकिन बड़े लॉन में कोई बुकिंग नहीं है। वहीं फूलों की कॉस्टिंग ज्यादा है। इसबार फूलों की कमी के चलते दामों में भी बढ़ोतरी हुई है। इसका असर भी देखने को मिल सकता है।

कोट

करने लगे हैं खेती का काम

कोरोना की वजह से फूलों का पूरा कारोबार ठप पड़ा हुआ है। ऐसे में घर चलाने के लिए फूलों की खेती का काम कर रहे हैं। पहले डेकोरेशन का काम करते थे। फूलों की खेती में भी नुकसान हो रहा है। अनलॉक में 200 की गाइडलाइन है इससे उम्मीद तो है कि कुछ तो काम मिलेगा।

बृजेंद्र गौढ़, गौड़ फ्लावर एंड डेकोरेशन

केस दो

ऑनलाइन बुकिंग का काम शुरू किया

फ्लावर डेकोरेशन की दुकान है, लेकिन कोरोना की वजह से कोई काम नहीं है। ऐसे में दूसरे काम की ओर रूख करना पड़ा। वर्तमान में फोटोकॉपी और टिकट ऑनलाइन बुकिंग का काम शुरू किया है ताकि किसी तरह से घर परिवार चला सकूं। साथ काम करने वाले भी चले गए हैं। सरकार को चाहिए कि फंक्शन में ज्यादा लोगों को आने की अनुमति पूरे प्रोटोकॉल के साथ दे। दरअसल, फंक्शन में कम लोगों के होने से हमें कोई फायदा नहीं हो रहा है। ज्यादा लोगों के आने से हमारा काम भी पटरी पर लौट सकेगा। महेश शर्मा, लेटेस्ट आर्ट फ्लावर डेकोरेशन

कोट

फूलों का काम पूरी तरह से ठप है। नई गाइडलाइन से ज्यादा फायदा नहीं है जबतक मेहमानों की संख्या न बढ़ाई जाए। सरकार को इसके बारे में सोचना चाहिए।

। हसन, डिवाइन डिजाइन

2. लोग होटलों की ओर ज्यादा जा रहे है। जब तक बड़े लॉन आदि में बुकिंग नहीं होगी। हम लोगों को ज्यादा फायदा नहीं होगा।

। अरशद, अरशद डेकोरेटर्स

3. फूलों के दाम पिछली बार के मुकाबले बढ़ गए हैं दूसरा बाहर से फूलों की आवक भी कम है। इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिये।

। वर्णित जायसवाल, नव निर्माण डेकोरेटर्स