लखनऊ (ब्यूरो)। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा यूनिवर्सिटी के वीसी ने सभी कोर्सेज की फीस में बढ़ोत्तरी कर दी है। इस बार यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने वाले छात्रों को अतिरिक्त शुल्क देना होगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन का दावा है कि कोर्स के आधार पर 10 से 15 प्रतिशत तक फीस बढ़ाई गई है। वीसी प्रो। एनबी सिंह ने बताया कि सामान्य विषय में प्रतिवर्ष 3 से 4 हजार रुपए तक और इंजीनियरिंग में करीब 10 हजार रुपए अतिरिक्त देने होंगे। हालांकि, उनका दावा है कि इसके बाद भी यूनिवर्सिटी की फीस प्रदेश के दूसरे स्टेट यूनिवर्सिटी के मुकाबले बेहद कम है।

नए एडमिशन वालों पर लागू

प्रो। एनबी सिंह ने पद संभालने के दो महीने बाद ही फीस बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी और अब इसका फरमान जारी कर दिया है। वर्तमान में यहां करीब 3700 छात्र पढ़ते हैं। जबकि, विभिन्न पाठ्यक्रमों में इसका इनटेक करीब 4 हजार का है। यूनिवर्सिटी प्रशासन का दावा है कि पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए यह फीस बढ़ाना आवश्यक है। हालांकि, वीसी ने साफ किया है कि वर्तमान छात्रों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। सिर्फ नया दाखिला लेने वाले छात्रों को ही बढ़ी हुई फीस देनी होगी। वर्तमान में यूनिवर्सिटी में करीब 3700 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं, जबकि विभिन्न पाठ्यक्रमों में इसका इनटेक करीब 4000 का है। यूनिवर्सिटी प्रशासन का दावा है कि पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए यह फीस बढ़ाना जरूरी है।

प्रमुख पाठ्यक्रमों की नई फीस

-बीए (उर्दू, अरेबिक, पर्शियन, संस्कृत, अंग्रेजी, ङ्क्षहदी, इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र)-12,050 रुपये प्रतिवर्ष

-बीए (गृह विज्ञान, भूगोल, शिक्षा, शारीरिक शिक्षा)-13,050 रुपये प्रतिवर्ष

-बीकाम-14,050 रुपये प्रति वर्ष

-बीबीए-20,050 रुपये प्रति वर्ष

-बीए जेएमसी-23,550 रुपये प्रति वर्ष

-बीसीए-23,550 रुपये प्रति वर्ष

-बीटेक-86,400 रुपये प्रति वर्ष

यूनिवर्सिटी की फीस प्रदेश की दूसरी स्टेट यूनिवर्सिटीज की तुलना में काफी कम है। हमने जितनी फीस बढ़ाई है, उसमें स्टूडेंट्स को अधिक से अधिक सुविधा मुहैया कराई जाएगी। वर्तमान स्टूडेंट्स पर इस बढ़ी फीस का कोई असर नहीं पड़ेगा। नई फीस नया एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को ही देनी होगी।

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